एटा : उत्तर प्रदेश के एटा जिले में किसानों की मेहनत की कमाई पर डाका पड़ने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिले की प्रसिद्ध सहकारी समिति नगला गलू गोदाम पर तैनात चपरासी सुदेश यादव उर्फ नटी पर अवैध वसूली और डीएपी खाद की कालाबाजारी करने का गंभीर आरोप लगा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने इस घोटाले को उजागर कर दिया है, जिसमें सुदेश यादव को किसानों से मनमाने दाम वसूलते हुए साफ देखा जा सकता है। पीड़ित किसानों का आरोप है कि उन्होंने दो-दो महीने पहले ही डीएपी के नाम पर लाखों रुपये एडवांस दे दिए थे, लेकिन खाद की डिलीवरी में भारी देरी हो रही है।
जांच में खुलासा: लाखों की अवैध वसूली का खेल

सहकारी समिति के अध्यक्ष विकास कुमार और सचिव अजय कुमार को इसकी शिकायत मिलते ही उन्होंने 2 अक्टूबर को नगला गलू गोदाम का अचानक दौरा किया। जांच के दौरान सामने आया कि सुदेश यादव ने पिछले कई महीनों से किसानों को ठगने का सिलसिला चला रखा था। एक किसान ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमने जून में ही डीएपी की बोरी के लिए 1,600 रुपये प्रति बोरी एडवांस दिए थे, लेकिन आज तक खाद नहीं मिली। सुदेश ने कहा था कि स्टॉक खत्म हो गया है, लेकिन बाहर बाजार में उसी खाद को दोगुने दाम पर बेचा जा रहा है।”
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, सुदेश यादव ने कम से कम 50 से अधिक किसानों से कुल 5 लाख रुपये से ज्यादा की अवैध वसूली की है। डीएपी खाद की आधिकारिक कीमत 1,350 रुपये प्रति बोरी होने के बावजूद, वह 1,800 से 2,000 रुपये तक वसूल रहा था। इतना ही नहीं, एडवांस पैसे लेकर वह खाद की जगह नकली या पुरानी खाद दे रहा था, जिससे किसानों की फसलें बर्बाद होने का खतरा मंडरा रहा है। वायरल वीडियो में सुदेश को एक किसान से नकद पैसे लेते हुए और गोदाम के बाहर खाद की बोतलों को छिपाते हुए रिकॉर्ड किया गया है, जो तेजी से सोशल मीडिया पर फैल रहा है।
15 साल पुरानी साजिश: लगातार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं
यह कोई नई घटना नहीं है। सुदेश यादव उर्फ नटी पिछले 15 वर्षों से नगला गलू गोदाम में चपरासी के पद पर तैनात है। स्थानीय किसानों का कहना है कि वह लंबे समय से खाद की कालाबाजारी में लिप्त रहा है। “हर रबी और खरीफ सीजन में यही होता है। हम शिकायत करते हैं, लेकिन ऊपर तक बात नहीं पहुंचती,” एक बुजुर्ग किसान रामस्वरूप ने दर्द भरे लहजे में कहा। किसान संगठनों ने भी कई बार जिला प्रशासन को पत्र लिखे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस बार वीडियो वायरल होने के बाद मामला गरमा गया है।
नगला गलू गोदाम एटा जिले के सबसे बड़े सहकारी केंद्रों में से एक है, जहां सैकड़ों एकड़ खेती करने वाले किसान खाद और बीज के लिए निर्भर होते हैं। इस घोटाले से न केवल किसानों की जेब ढीली हुई है, बल्कि आगामी रबी फसल की बुआई पर भी असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी कालाबाजारी से खाद की कालाबाजारी बढ़ रही है, जो पहले से ही उत्तर प्रदेश में एक बड़ी समस्या बनी हुई है।
अध्यक्ष-सचिव की मांग: कड़ी कार्रवाई और आरोपी की बर्खास्तगी
सहकारी समिति के अध्यक्ष विकास कुमार ने कहा, “यह घोटाला हमारी समिति की साख पर सवाल खड़े करता है। हमने एटा के जिलाधिकारी (डीएम) और सहायक रजिस्ट्रार (एआर) को विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी है। सुदेश यादव के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और उसे निलंबित कर सोसायटी से हटा दिया जाए।” सचिव अजय कुमार ने भी जोर देकर कहा, “किसानों का पैसा लौटाया जाए और दोषियों को सजा दी जाए, वरना हम आंदोलन करेंगे।”
पीड़ित किसानों ने भी एकजुट होकर सुदेश यादव को नगला गलू सोसायटी से हटाने की मांग की है। किसान नेता राजेश सिंह ने बताया, “हम कल सुबह गोदाम पर धरना देंगे। अगर प्रशासन ने 48 घंटे में कार्रवाई नहीं की, तो जिला मुख्यालय तक मार्च निकालेंगे।”
जिला प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार
एटा डीएम कार्यालय से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, जांच टीम गठित कर दी गई है। सहकारिता विभाग ने गोदाम का स्टॉक वेरिफिकेशन शुरू कर दिया है। यदि आरोप साबित हुए, तो सुदेश यादव पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई हो सकती है।
यह मामला न केवल एटा बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक सबक है, जहां खाद संकट और कालाबाजारी किसानों को परेशान कर रही है। किसान संगठन इसे राज्यव्यापी मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं।