Massive Military Drill on Border: भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच तनाव एक बार फिर नई ऊँचाइयों पर पहुंचता दिख रहा है। पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना ने ‘त्रिशूल’ नामक विशाल सैन्य युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है, जिसमें तीनों सेनाओं की संयुक्त ताकत दिखाई जा रही है। राजस्थान से लेकर गुजरात तक बड़े हवाई क्षेत्रों में उड़ानों पर रोक लगा दी गई है, जबकि पाकिस्तान ने भी अपने कुछ रूट्स बंद कर दिए हैं। यह महज एक रूटीन अभ्यास है या किसी बड़े संकेत की तैयारी? इस सवाल ने दोनों देशों की सीमाओं पर हलचल मचा दी है। आइए जानते हैं पूरी खबर।
पश्चिमी सीमा पर शुरू हुआ भारत का ‘त्रिशूल’ युद्धाभ्यास/Massive Military Drill on Border
भारत (Bharat) ने पाकिस्तान (Pakistan) से सटी पश्चिमी सीमा पर ‘त्रिशूल’ नाम का एक विशाल सैन्य अभ्यास शुरू किया है। यह अभ्यास 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान राजस्थान और गुजरात के बड़े हिस्से में हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया गया है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, इस अभ्यास में तीनों सेनाएं — थल, नौसेना और वायुसेना — संयुक्त रूप से हिस्सा ले रही हैं। पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से भी 28 और 29 अक्टूबर को कुछ हवाई मार्ग बंद किए गए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर सतर्कता बढ़ गई है। यह अभ्यास ऐसे वक्त में हो रहा है जब भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर क्रीक क्षेत्र में पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी थी।

तीनों सेनाओं की संयुक्त शक्ति का प्रदर्शन
‘त्रिशूल’ अभ्यास (Trishul Exercise) की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना तीनों एक साथ भाग ले रही हैं। सेना ने लगभग 20,000 सैनिकों के साथ टैंक, तोपें, मिसाइलें और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। वायुसेना ‘महागुजरात’ नामक हाई-टेंपो ऑपरेशन चला रही है, जिसमें राफेल और सुखोई-30एमकेआई जैसे लड़ाकू विमान शामिल हैं। इनके साथ ड्रोन, हवाई ईंधन भरने वाले विमान IL-78 और निगरानी विमान भी भाग ले रहे हैं। नौसेना ने गुजरात तट पर फ्रिगेट और डिस्ट्रॉयर तैनात किए हैं। यह अभ्यास भारत की सामरिक क्षमता और तीनों सेनाओं के बीच मजबूत तालमेल को दर्शाता है।
सर क्रीक और सौराष्ट्र तट पर रणनीतिक कार्रवाई
यह युद्धाभ्यास केवल रेगिस्तानी इलाके तक सीमित नहीं है। इसमें सर क्रीक और सौराष्ट्र तट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भी संयुक्त कार्रवाई की जा रही है। रेगिस्तानी इलाके में सेना की आक्रामक रणनीति का परीक्षण किया जा रहा है, जबकि नौसेना समुद्री सीमाओं की निगरानी को और मजबूत बना रही है। इन अभियानों के दौरान तीनों सेनाओं के बीच रियल-टाइम डेटा शेयरिंग और हवाई निगरानी की तकनीक का भी परीक्षण किया जा रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभ्यास पाकिस्तान को सीधा संदेश है कि भारत किसी भी उकसावे का जवाब देने के लिए हर स्तर पर तैयार है।
भारत की सैन्य तैयारी और रणनीतिक संदेश
‘त्रिशूल’ अभ्यास (Trishul Exercise) का उद्देश्य भारत की सैन्य तैयारियों को परखना और तीनों सेनाओं के बीच तालमेल को और सशक्त बनाना है। इसमें नवीनतम हथियार प्रणालियों, उपग्रह आधारित निगरानी और साइबर ऑपरेशन की भी भूमिका शामिल है। यह अभ्यास यह भी दर्शाता है कि भारत सीमाओं की सुरक्षा को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहता। पाकिस्तान की ओर से हवाई क्षेत्र पर लगाई गई पाबंदियां इस तनाव की झलक देती हैं। भारत की इस तैयारियों को केवल रक्षा कवच के रूप में नहीं, बल्कि एक रणनीतिक चेतावनी के रूप में भी देखा जा रहा है — कि यदि हालात बिगड़ते हैं, तो जवाब “त्रिशूल” की तरह तेज और सटीक होगा।










