Muzaffarnagar Police Action : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में यूरिया की कालाबाजारी के खिलाफ पुलिस और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। सिखेड़ा थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर धंधेड़ा पुलिया पर चेकिंग अभियान चलाकर तीन शातिर अभियुक्तों—रमन पांडेय, उमंग वशिष्ठ और इंतजार—को गिरफ्तार किया है। ये लोग फर्जी दस्तावेजों के जरिए यूरिया की अवैध खरीद-बिक्री और भंडारण में लिप्त थे। पुलिस ने इनके कब्जे से 80 बैग यूरिया, एक पिकअप ट्रक और एक होंडा सिटी कार बरामद की है।
मुखबिर की सूचना पर शुरू हुई कार्रवाई

पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग फर्जी कागजात बनाकर यूरिया की कालाबाजारी कर रहे हैं। इस जानकारी के आधार पर सिखेड़ा थाना पुलिस ने धंधेड़ा पुलिया पर चेकिंग अभियान चलाया। चेकिंग के दौरान एक पिकअप ट्रक और एक कार को रोका गया। तलाशी लेने पर पिकअप ट्रक से 80 बैग यूरिया बरामद हुआ, जिसे फर्जी दस्तावेजों के जरिए अवैध रूप से ले जाया जा रहा था। मौके से तीनों अभियुक्तों को हिरासत में लिया गया।
श्रीराम बायोटेक इंडस्ट्रीज में तैयार हो रहे थे नकली उर्वरक
पूछताछ में अभियुक्त उमंग वशिष्ठ ने खुलासा किया कि वह नकली कागजात बनाकर सरकारी सप्लाई वाला यूरिया खरीदते थे और उसे श्रीराम बायोटेक इंडस्ट्रीज में ले जाकर PROM, PDM और OM जैसे उर्वरकों के नाम पर तैयार कर बाजार में बेचते थे। इस अवैध कारोबार से वे मोटा मुनाफा कमा रहे थे। उमंग ने बताया कि वह पिछले एक साल से इस गोरखधंधे में लिप्त है। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि इस मामले में पहले भी जनवरी माह में एक अभियोग दर्ज हो चुका है, जिसकी जांच अभी चल रही है।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, सख्त कार्रवाई के निर्देश
मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संजय कुमार वर्मा ने बताया कि इस कार्रवाई में सिखेड़ा थाना पुलिस, सीओ मंडी और एसपी सिटी की टीम ने संयुक्त रूप से जांच की। उन्होंने कहा, “मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए 80 बैग यूरिया, एक पिकअप ट्रक, एक होंडा सिटी कार और फर्जी रसीदें बरामद की गई हैं। यह यूरिया सरकारी सप्लाई का था, जो किसानों तक पहुंचने के बजाय श्रीराम बायोटेक इंडस्ट्रीज में नकली उर्वरक बनाने के लिए ले जाया जा रहा था। यह किसानों के साथ धोखा और कालाबाजारी का स्पष्ट मामला है।”
एसएसपी ने आगे बताया कि अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय नवीन संहिता (बीएनएस) की धारा 318, 336, 340, 338 और आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसी एक्ट) की धारा 3/7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। तीनों अभियुक्तों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, इस मामले में अन्य संलिप्त बड़े लोगों की जांच चल रही है, जिनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस टीम को पुरस्कार
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने इस सफल कार्रवाई के लिए सिखेड़ा थाना पुलिस और उनकी टीम को 20,000 रुपये के इनाम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पुलिस और कृषि विभाग की संयुक्त कार्रवाई से कालाबाजारी के इस रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, और आगे भी इस तरह की गतिविधियों पर नकेल कसी जाएगी।
किसानों को हो रहा था नुकसान
यह कालाबाजारी का रैकेट किसानों के लिए बड़ा नुकसान पहुंचा रहा था। सरकारी सप्लाई का यूरिया, जो किसानों को सब्सिडी पर उपलब्ध होना चाहिए था, उसे फर्जी दस्तावेजों के जरिए ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा था। इस कार्रवाई से न केवल कालाबाजारी पर लगाम लगी है, बल्कि किसानों के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित की गई है।
आगे की जांच जारी
पुलिस का कहना है कि इस मामले में श्रीराम बायोटेक इंडस्ट्रीज और अन्य संलिप्त लोगों की भूमिका की गहन जांच की जा रही है। सीओ मंडी के नेतृत्व में जांच को और गंभीरता से आगे बढ़ाया जा रहा है, ताकि इस रैकेट के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।
मुजफ्फरनगर एसएसपी संजय कुमार वर्मा का बयान
“हमें मुखबिर से सूचना मिली थी कि यूरिया की कालाबाजारी हो रही है। सिखेड़ा थाना पुलिस और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए 80 बैग यूरिया, एक पिकअप ट्रक, एक होंडा सिटी कार और फर्जी रसीदें बरामद की हैं। यह सरकारी यूरिया किसानों तक पहुंचने के बजाय श्रीराम बायोटेक इंडस्ट्रीज में नकली उर्वरक बनाने के लिए ले जाया जा रहा था। तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, और अन्य संलिप्त लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी। हमारी टीम को 20,000 रुपये का इनाम दिया गया है।”










