New Age Tourism in India: पर्यटन की दुनिया तेजी से बदल रही है और भारत (India) इसका सबसे बड़ा उदाहरण बनता जा रहा है। अब ट्रैवल सिर्फ ऐतिहासिक स्मारक देखने या फोटो खिंचवाने तक सीमित नहीं रहा। आज के पर्यटक अनुभव, आत्मिक शांति और स्थानीय संस्कृति से जुड़ाव चाहते हैं। इसी वजह से आध्यात्मिक पर्यटन, होमस्टे, क्यूरेटिव टूरिज्म और फूड वॉक जैसे नए टूर कॉन्सेप्ट तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। खास बात यह है कि इस बदलते ट्रेंड ने युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए रास्ते भी खोल दिए हैं। सरकार भी इस सेक्टर को बढ़ावा देने में जुटी है। आखिर कैसे बदल रहा है पर्यटन का स्वरूप, कौन से नए अवसर सामने आ रहे हैं और युवाओं के लिए इसमें क्या संभावनाएं हैं चलिए जानते हैं…
पर्यटन की बदलती सोच और नए अवसर/New Age Tourism in India
पहले पर्यटन का मतलब ताजमहल (Taj Mahal) या कुतुब मीनार (Qutub Minar) जैसे स्मारकों को देखना होता था, लेकिन अब यह सोच पूरी तरह बदल चुकी है। आज का पर्यटक सिर्फ जगह नहीं, बल्कि अनुभव खरीदना चाहता है। यही वजह है कि आध्यात्मिक पर्यटन, धार्मिक यात्रा और स्थानीय जीवनशैली से जुड़े टूर तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। अयोध्या (Ayodhya) के राम मंदिर, वाराणसी (Varanasi) के काशीधाम और उज्जैन (Ujjain) के महाकाल जैसे धार्मिक स्थलों पर रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही रिजेनरेटिव और क्यूरेटिव टूरिज्म जैसे कॉन्सेप्ट सामने आए हैं, जहां मानसिक शांति और आत्मिक संतुष्टि को प्राथमिकता दी जाती है। यह बदलाव सिर्फ पर्यटकों की पसंद नहीं, बल्कि पूरे पर्यटन उद्योग की दिशा तय कर रहा है।

फूड वॉक, होमस्टे और क्यूरेटेड टूर का बढ़ता चलन
दिल्ली (Delhi) जैसे बड़े शहरों में अब युवा उद्यमी फूड वॉक टूर पैकेज पेश कर रहे हैं, जहां पर्यटकों को मशहूर बाजारों में स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखाया जाता है। कुछ टूर में पर्यटकों को खुद खाना बनाना भी सिखाया जाता है, जिससे अनुभव और खास बन जाता है। वहीं, होमस्टे कल्चर ने होटल इंडस्ट्री को नई चुनौती दी है। टूरिस्ट डेस्टिनेशन के आसपास रहने वाले लोग अपने घरों को होमस्टे में बदलकर अच्छी आमदनी कर रहे हैं। सस्ती शॉपिंग, लोकल गाइड और पर्सनलाइज्ड टूर प्लानिंग जैसे ऑफर पर्यटकों को ज्यादा आकर्षित कर रहे हैं। यह नया ट्रेंड पर्यटन को ज्यादा स्थानीय, आत्मीय और किफायती बना रहा है।
रोजगार, स्वरोजगार और युवाओं के लिए अवसर
पर्यटन सेक्टर अब सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि उद्यमिता का बड़ा प्लेटफॉर्म बन चुका है। टूर गाइड, टूर प्लानर, डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट और ट्रैवल कंसल्टेंट जैसी भूमिकाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। खास बात यह है कि अब टूर गाइड बनने के लिए शहर छोड़ना जरूरी नहीं, बल्कि स्थानीय लोग ही अपने क्षेत्र में गाइड की भूमिका निभा रहे हैं। नौकरीपेशा लोग भी पार्ट टाइम टूर प्लानर के रूप में काम कर रहे हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया ने छोटे टूर ऑपरेटर्स को बड़ा बाजार दिया है। इससे युवाओं को कम निवेश में अपना बिजनेस शुरू करने का मौका मिल रहा है और पर्यटन रोजगार का मजबूत जरिया बनता जा रहा है।
सरकार का फोकस और क्रूज टूरिज्म
सरकार का फोकस अब इनबाउंड और घरेलू पर्यटन दोनों पर है। टैरिफ फ्री सेक्टर होने के कारण टूरिज्म वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव से काफी हद तक सुरक्षित रहता है। मुंबई (Mumbai) में देश का सबसे बड़ा क्रूज टर्मिनल शुरू होना इसी दिशा में बड़ा कदम है, जहां एक साथ पांच क्रूज शिप खड़े हो सकेंगे। रिवर क्रूज के बाद अब समुद्री क्रूज टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत छोटे टूर ऑपरेटर्स और स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। आने वाले समय में पर्यटन न सिर्फ घूमने का जरिया रहेगा, बल्कि लाखों लोगों के लिए आजीविका और विकास का मजबूत आधार बनेगा।










