President Murmu Takes Historic Flight: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रचा इतिहास, राफेल जेट में उड़ान भरकर बढ़ाया भारत का गौरव

President Murmu Takes Historic Flight: अंबाला एयरबेस से राष्ट्रपति की राफेल उड़ान, भारतीय वायुसेना के इतिहास में दर्ज हुआ नया अध्याय

President Murmu Takes Historic Flight: बुधवार की सुबह भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के इतिहास में एक यादगार दिन बन गई, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने अंबाला एयरफोर्स स्टेशन (Ambala Air Force Station) से राफेल फाइटर जेट (Rafale Fighter Jet) में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। यह सिर्फ एक औपचारिक उड़ान नहीं थी, बल्कि देश की रक्षा शक्ति, तकनीकी क्षमता और महिला सशक्तिकरण का एक सशक्त संदेश भी थी। राष्ट्रपति का यह कदम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारतीय वायुसेना के आत्मविश्वास को नई उड़ान देता है। उनकी मौजूदगी ने न केवल पायलटों बल्कि पूरे राष्ट्र को गर्व से भर दिया।

अंबाला से रचा गया इतिहास/President Murmu Takes Historic Flight

अंबाला एयरफोर्स स्टेशन (Ambala Air Force Station) बुधवार सुबह उस पल का साक्षी बना, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने अत्याधुनिक राफेल जेट में उड़ान भरी। उड़ान के दौरान उनके साथ वायुसेना के अनुभवी पायलट मौजूद रहे। इस मौके पर एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उड़ान पूरी होने के बाद भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने राष्ट्रपति के इस साहसिक कदम को ‘प्रेरक और साहसी नेतृत्व’ की मिसाल बताया। यह घटना न केवल देश की सैन्य शक्ति का प्रतीक बनी, बल्कि नागरिक नेतृत्व और सशस्त्र बलों के बीच मजबूत संबंध का भी परिचायक रही।

पहले भी दिखा चुकी हैं हिम्मत

यह पहली बार नहीं है जब राष्ट्रपति मुर्मू (President Murmu) ने फाइटर जेट में उड़ान भरी हो। अप्रैल 2023 में उन्होंने असम के तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन (Tezpur Air Force Station) से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी। वह फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली देश की तीसरी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्राध्यक्ष बनी थीं। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल भी सुखोई में उड़ान भर चुके हैं। राष्ट्रपति मुर्मू के ये कदम देश की बेटियों और युवाओं को यह संदेश देते हैं कि नेतृत्व और साहस किसी सीमा में बंधा नहीं होता।

राफेल: भारत की रक्षा शक्ति का प्रतीक

राफेल फाइटर जेट (Rafale Fighter Jet) फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित है और 2020 में भारतीय वायुसेना के अंबाला एयरबेस में शामिल किया गया था। शुरुआत में पांच राफेल विमानों को ‘गोल्डन एरोज़’ स्क्वाड्रन में जोड़ा गया था। यह विमान अत्याधुनिक तकनीक, लंबी दूरी की युद्ध क्षमता और सटीक लक्ष्य भेदने की क्षमता के लिए जाना जाता है। इसकी मौजूदगी ने भारतीय वायुसेना को एशिया की सबसे ताकतवर वायु सेनाओं में शामिल कर दिया है। राफेल की तकनीक ने भारत की सामरिक ताकत को नई दिशा दी है।

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में दिखाई राफेल की शक्ति

मई महीने में हुए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ (Operation Sindoor) के दौरान राफेल (Rafael) ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर देश का सिर ऊंचा कर दिया था। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान (Pakistan) नियंत्रित क्षेत्र में आतंकी ठिकानों को सटीक निशाने से नष्ट किया गया। राफेल की यह सफलता भारतीय रक्षा तंत्र की आधुनिकता और तत्परता का प्रमाण बनी। राष्ट्रपति की यह राफेल उड़ान उसी शक्ति और आत्मविश्वास की निरंतरता है, जिसने भारत को वैश्विक मंच पर एक सशक्त सैन्य ताकत के रूप में स्थापित किया है। यह क्षण भारतीय इतिहास में गर्व से याद किया जाएगा।

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