Sanchar Saathi App Controversy: संचार साथी ऐप पर मचा बवाल, केंद्रीय मंत्री को देनी पड़ी सफाई! सुरक्षा पर संदेह

Sanchar Saathi App Controversy: संचार साथी ऐप विवाद में केंद्रीय मंत्री को देनी पड़ी सफाई, विपक्ष ने किया हंगामा

Sanchar Saathi App Controversy: संचार साथी (Sanchar Saathi) ऐप को लेकर देश में बहस का नया तूफान उठ खड़ा हुआ है। कई विपक्षी नेताओं ने इसे जासूसी का आरोप लगाया, जबकि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने स्पष्ट किया कि ऐप पूरी तरह वैकल्पिक है और नागरिक इसे एक्टिवेट करने या डिलीट करने के लिए स्वतंत्र हैं। इस विवाद ने डिजिटल सुरक्षा, निजता और सरकारी नियमों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता के बीच ऐप के उपयोग को लेकर भ्रम और चिंता की स्थिति बन गई है। क्या वास्तव में यह ऐप नागरिकों की मदद करेगा या निजता पर खतरा बन सकता है- इस मुद्दे ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। तो चलिए जानते हैं पूरा मामला क्या है…

ऐप प्री-इंस्टॉल करने का निर्देश/Sanchar Saathi App Controversy

संचार साथी (Sanchar Saathi) ऐप को लेकर चर्चा तब तेज हुई जब दूरसंचार विभाग ने नए मोबाइल हैंडसेट पर इसे प्री-इंस्टॉल करने का निर्देश दिया। ऐप का उद्देश्य नागरिकों को धोखाधड़ी, ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर अपराध से बचाना बताया गया। सरकार के इस कदम ने विपक्ष और समाज के डिजिटल अधिकार समर्थकों में चिंता पैदा कर दी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने इसे ‘जासूसी ऐप’ करार दिया और तानाशाही के खतरे की चेतावनी दी। नागरिकों की निजता और डिजिटल स्वतंत्रता के अधिकार पर बहस तेज हो गई, जबकि सरकार ने इसे केवल सुरक्षा उपाय बताया। इस पृष्ठभूमि में ऐप का विरोध और समर्थन दोनों पक्षों से जोर पकड़ने लगा।

केंद्रीय मंत्री ने दी सफाई

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि ऐप उपयोग करना पूरी तरह वैकल्पिक है। उन्होंने कहा कि कोई भी नागरिक इसे एक्टिवेट करने के लिए बाध्य नहीं है और न ही इसे रखना अनिवार्य है। जो लोग नहीं चाहते, वे इसे फोन से डिलीट भी कर सकते हैं। मंत्री ने दोहराया कि ऐप का मकसद केवल साइबर अपराध और धोखाधड़ी से नागरिकों की सुरक्षा करना है, किसी की कॉल मॉनिटरिंग या जासूसी करना नहीं। इसके साथ ही उन्होंने नागरिकों में भ्रम कम करने और डिजिटल सुरक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया।

प्रतिपक्ष और प्रतिक्रिया

प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने संसद परिसर में मीडिया से बातचीत में ऐप को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नागरिकों की निजता पर खतरा है और यह देश को तानाशाही की ओर ले जा सकता है। उन्होंने बताया कि सुरक्षित प्रणाली के नाम पर किसी के फोन में नजर रखना लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। विपक्ष ने जोर देकर कहा कि साइबर सुरक्षा जरूरी है, लेकिन यह व्यक्तिगत डिवाइस में घुसपैठ का बहाना नहीं बनना चाहिए। नागरिकों में डर और संदेह बढ़ने के कारण राजनीतिक और सामाजिक चर्चा तेज हो गई है।

App की पारदर्शिता पर संदेह

सरकार ने साफ किया है कि ऐप केवल वैकल्पिक है और इसका उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाना है। नागरिकों को अधिकार है कि वे इसे इस्तेमाल करें या डिलीट करें। वहीं, विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों को लेकर डिजिटल सुरक्षा और निजता पर बहस संसद और मीडिया में जारी है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐप के सही इस्तेमाल और पारदर्शी नियम लागू होने पर ही इसका उद्देश्य पूरा होगा। भविष्य में सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि नागरिकों की निजता सुरक्षित रहे और साइबर सुरक्षा उपाय प्रभावी ढंग से काम करें।

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