Saudi Police Arrested Raebareli Youth : रोजगार की तलाश में सऊदी अरब गए रायबरेली के एक युवक को अवैध रूप से भारत लौटने की कोशिश के दौरान सऊदी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। युवक डंकी रूट का सहारा लेकर बॉर्डर पार कर रहा था, तभी रियाद शहर में ही उसे पकड़ लिया गया। सऊदी कोर्ट ने उसे 3 साल की कैद की सजा सुनाई है, साथ ही 18 लाख रुपये (भारतीय मुद्रा में) का भारी जुर्माना भी लगाया गया है। पीड़ित युवक रायबरेली जिले के चंदापुर थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर गांव का रहने वाला है। उसके परिजनों ने मोदी-योगी सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगाई है।
युवक दो साल पहले रोजगार के लिए सऊदी अरब के रियाद शहर गया था। एजेंट ने उसे पानी का टैंकर चलाने का काम कराने को ले गया था, लेकिन वहां पहुंचकर उसे कूड़ा गाड़ी चलाने का काम थमा दिया गया। काम की कठिनाइयों के अलावा उसे लगातार प्रताड़ित किया जाता था। पीड़ित के पिता के अनुसार, उसे भूखा-प्यासा रखा जाता था और शारीरिक-मानसिक यातनाएं दी जाती थीं। इन सब से तंग आकर युवक ने भारत लौटने का फैसला किया। जैसे ही मौका मिला, वह डंकी रूट (अवैध मार्ग) से भागने की कोशिश करने लगा। बॉर्डर पार करने के दौरान सऊदी पुलिस ने उसे धर दबोचा।

सऊदी अथॉरिटी ने युवक पर देश छोड़कर भागने और नियमों के विरुद्ध बॉर्डर पार करने का केस दर्ज किया है। फिलहाल वह रियाद जेल में बंद है। परिजनों का कहना है कि जुर्माने की रकम चुकाना उनके लिए असंभव है और सजा पूरी होने तक परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाएगी। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि युवक को जल्द भारत लाया जा सके।
बिन्दा प्रसाद (पिता) का बयान
“मेरा बेटा दो साल पहले नौकरी के लिए सऊदी गया था। एजेंट ने झूठ बोला, पानी का टैंकर चलाने की बात कही लेकिन कूड़ा गाड़ी थमा दी। वहां उसे मारते-पीटते थे, भूखा रखते थे। भागकर आने की कोशिश की तो पकड़ लिया। 3 साल जेल और 18 लाख जुर्माना… हम गरीब लोग कहां से लाएं इतने पैसे? मोदी जी, योगी जी से गुहार है, मेरे बेटे को बचाओ।”
अर्जुन कुमार (भाई) का बयान
“भैया को बहुत तकलीफ थी वहां। एजेंट ने धोखा दिया। बॉर्डर पार करते वक्त पकड़े गए। अब जेल में हैं, जुर्माना इतना बड़ा कि हमारा घर बिक जाएगा। सरकार से मदद मांगते हैं, किसी तरह उन्हें वापस लाया जाए। गांव वाले भी दुखी हैं।”
सूरज कली (माता) का बयान
“मेरा लाल भूखा-प्यासा वहां तड़प रहा था। प्रताड़ना से डरकर भागा। अब जेल में सड़ रहा है। 18 लाख कहां से लाएं? मोदी-योगी सरकार और सांसद जी से विनती है, मेरे बेटे को मुक्त कराओ। हमारा परिवार बर्बाद हो रहा है।”
परिजनों ने स्थानीय प्रशासन और विदेश मंत्रालय से भी संपर्क करने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस मदद नहीं मिली। गांव में माहौल गमगीन है और लोग मानव तस्करी के एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह मामला विदेशों में फंसे भारतीय मजदूरों की बदहाली को एक बार फिर उजागर करता है।










