Terror Strikes Shake Pakistan: पाकिस्तान (Pakistan) के खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) प्रांत में एक बार फिर आतंक का साया गहराता जा रहा है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Tehreek-e-Taliban Pakistan) ने पिछले दो दिनों में सुरक्षा बलों पर ऐसे हमले किए हैं, जिनसे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई है। सिर्फ 48 घंटों में 32 हमलों ने पाकिस्तानी सुरक्षा व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है, जबकि इनमें से 16 हमले महज़ 24 घंटे के भीतर हुए। दक्षिण वजीरिस्तान से लेकर स्वात तक टीटीपी ने कई जिलों में मोर्चा खोल दिया है, जहां सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। आइए जानते हैं पूरी खबर क्या है…
48 घंटे में 32 हमले: पाकिस्तान दहला आतंक की लहर से/Terror Strikes Shake Pakistan
खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) प्रांत इस समय आतंक के साये में है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने बीते 48 घंटों में 32 हमले किए हैं, जिनमें 16 हमले सिर्फ 24 घंटे के भीतर हुए। पाकिस्तानी सेना को भारी क्षति झेलनी पड़ी है—कई जवान मारे गए और कई घायल हुए। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, टीटीपी ने भारी हथियारों और स्नाइपर्स का इस्तेमाल करते हुए हमले किए, जिससे जवाबी कार्रवाई करना मुश्किल हो गया। हमले मुख्य रूप से दक्षिण वजीरिस्तान, बाजौर, खैबर, उत्तर वजीरिस्तान, चितराल, टैंक, लक्की मरवत और स्वात जिलों में फैले हैं। इन जिलों में पिछले कई महीनों से टीटीपी की गतिविधियां तेज़ी से बढ़ रही थीं, और अब उसने सीधे सुरक्षा ठिकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।

दक्षिण वजीरिस्तान और खैबर में सबसे घातक हमले
सबसे भीषण हमले दक्षिण वजीरिस्तान के सरवेकाई, जरमिलिना, आज़म वारसक और टोरा गोला इलाकों में हुए, जहां टीटीपी आतंकियों ने सेना की चौकियों पर स्नाइपर और भारी हथियारों से हमला किया। इस हमले में एक सैनिक की मौत हो गई और सेना की निगरानी प्रणाली को गंभीर नुकसान पहुंचा। वहीं बाजौर जिले के लोई ममंद और वारा ममंद क्षेत्रों में मोर्टार और लेजर गन से हमले किए गए, जिनमें दो सैनिक मारे गए और एक बख्तरबंद वाहन नष्ट हो गया। खैबर जिले के लांडी कोटल और बारा इलाकों में फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) और पुलिस चौकियों पर बम और गोलीबारी से हमले किए गए। एक माइन ब्लास्ट में पुलिस पोस्ट पूरी तरह ध्वस्त हो गई और तीन एफसी कर्मी घायल हुए। इन हमलों से पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति और अधिक अस्थिर हो गई है।
उत्तर वजीरिस्तान, चितराल और अन्य जिलों में बढ़ता खतरा
उत्तर वजीरिस्तान (North Waziristan) के मीर अली (Mir Ali) इलाके में आतंकियों ने लगभग 50 मिनट तक गोलीबारी की, जिसमें कई सैनिक घायल हुए। वहीं चितराल में आतंकवादियों ने दो BM मिसाइलों से अरसून गैरीसन पर हमला किया, जिससे सेना का राशन डिपो पूरी तरह नष्ट हो गया। टैंक जिले में एक सैन्य दल पर घात लगाकर हमला किया गया, जबकि लक्की मरवत में एफसी जवान रफीउल्लाह की हत्या कर दी गई। ये हमले दर्शाते हैं कि टीटीपी ने अपनी रणनीति को और अधिक आक्रामक बना लिया है। उसने एक साथ कई जिलों में हमले कर पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश की है। आतंकियों की बढ़ती गतिविधियों से न केवल सेना, बल्कि आम नागरिक भी भय के माहौल में जीने को मजबूर हैं।
स्वात में शांति समिति सदस्य पर हमला, बढ़ता टीटीपी का प्रभाव
स्वात जिले में आतंकवादियों ने शांति समिति के सदस्य और काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) के मुखबिर शाह वज़ीर खान को बम से निशाना बनाया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हमला पाकिस्तान में बढ़ती अस्थिरता और टीटीपी की बढ़ती पकड़ का स्पष्ट संकेत देता है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि टीटीपी अब खैबर पख्तूनख्वा में अपने प्रभाव को तेजी से बढ़ा रही है और सेना के लिए चुनौती बन चुकी है। लगातार बढ़ते हमलों ने यह साबित कर दिया है कि पाकिस्तान (Pakistan) के कई सीमावर्ती इलाके आतंक के चंगुल में फंसते जा रहे हैं। सेना की बढ़ती हताहतों और नियंत्रण कमजोर होने के कारण पूरा क्षेत्र आतंक के साये में डूबा हुआ है। खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) में टीटीपी का यह नया दौर पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संकेत माना जा रहा है।










