डलमऊ में धूमधाम से विसर्जित हुई मां दुर्गा की प्रतिमा, भक्तों ने नम आंखों से दी मां को विदाई

रायबरेली जनपद में नौ दिनों तक चलने वाले शारदीय नवरात्र त्यौहार को लेकर विभिन्न हिस्सों में 22 सितंबर को स्थापित की गई देवी प्रतिमा का समापन गुरुवार एवं शुक्रवार को शाम लगभग साढ़े चार बजे तक लगभग 600 छोटी एवं बड़ी प्रतिमाओं का भू विसर्जन के साथ संपन्न हुआ, भक्तों ने नम आंखों से मां को विदाई दी।

इस अवसर पर विदाई गीत से माहौल गमगीन हो उठा भक्तों की आंखें नम हो गई। जय माता दी, मां दुर्गा के जयकारे से वातारण गुंजायमान हो गया। नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना करने के बाद दशमी को खुशी-खुशी मां दुर्गा का विसर्जन डलमऊ गंगा घाट के छोटा मठ पर किया गया। हर वर्ष की तरह इस साल भी भक्तों ने पूरे उत्साह व श्रद्धा के साथ मां दुर्गा की आराधना की मंदिरों पंडालों में विशेष पूजा अर्चना एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन किया इसमें लोगों की भारी भीड़ उमड़ी।

प्रशासन की ओर से विसर्जन के लिए विशेष व्यवस्था की गई ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखा। डलमऊ क्षेत्र में दशहरा पर्व ग्रामीण अंचलों में मां दुर्गा की प्रतिमाओं का छोटा मठ के पास वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य परम्परागत तरीके से भू विर्सजन हुआ। दोपहर को देवी पाण्डालों में मां दुर्गा की आराधना पूजा के साथ श्रद्धालुओं ने आरती उतारी। इसके बाद पंडालों से गाजे बाजे के साथ मां दुर्गा की शोभायात्रा निकाली गई।

रास्ते भर श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के गगनभेदी जयघोष के साथ अबीर व गुलाल उड़ाए इसमें युवा महिलाएं व बच्चे उत्साहपूर्वक भाग लेते दिखे ढोल – नगाड़ों व डीजे की धुन पर भक्त नाचते झूमते दिखे। फिर भक्तों ने विसर्जन के दौरान मां का जयकारा लगाते हुए अगले वर्ष पुनः आगमन की कामना करते हुए नम आंखों से भक्तों ने देवी मां की प्रतिमा को गंगा घाट पर खुदवाए गए गढ्ढों में भू विसर्जित कर दिया। विसर्जन के दौरान जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गये थे। वहीं विसर्जन स्थल पर नाव नाविक बैरिकेडिंग पुलिस की टीम तैनात की गयी थी। डलमऊ थाना प्रभारी निरीक्षक श्याम कुमार पाल ने बताया कि भगवती दुर्गा की प्रतिमा शांतिपूर्वक भू विसर्जित किया गया।

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