Toxic Air Grips Delhi AQI 400+: दिल्ली (New Delhi) की सर्द हवाओं के साथ इस बार प्रदूषण ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। राजधानी की फिज़ा में घुला ज़हर अब लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल बना रहा है। बीते कुछ दिनों से लगातार गिरती वायु गुणवत्ता अब ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है। सुबह-सुबह का कोहरा अब धुंध में बदल गया है, जो जहरीले कणों से भरा है। हवा इतनी भारी हो चुकी है कि बच्चों और बुजुर्गों के लिए हालात और भी खतरनाक बन गए हैं। आइए जानते हैं पूरी खबर क्या है…
दिल्ली के कई इलाकों में AQI 400 पार, हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में/Toxic Air Grips Delhi AQI 400+
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़े राजधानी की गंभीर स्थिति को साफ दर्शा रहे हैं। 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 366 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। वहीं वजीरपुर, बुराड़ी और अशोक विहार जैसे इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ स्तर का संकेत है। विभिन्न इलाकों में वायु गुणवत्ता के आंकड़े कुछ इस प्रकार रहे — वजीरपुर: 394, बुराड़ी: 387, अशोक विहार: 373, पंजाबी बाग: 360, चांदनी चौक: 359, लोधी रोड: 219 और IGI एयरपोर्ट: 293। DPCC और IMD की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के अधिकतर हिस्सों में हवा बेहद खराब स्थिति में है। विशेषज्ञों ने इसे इस सीजन का सबसे खराब स्तर बताया है।

प्रदूषण के बढ़ते स्तर के पीछे मुख्य कारण क्या हैं?
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के पीछे कई कारण एक साथ जिम्मेदार हैं। सबसे पहले, लगातार बढ़ते वाहन उत्सर्जन ने पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर को रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंचा दिया है। दूसरी बड़ी वजह है—पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना, जिसका धुआं राजधानी की हवा में मिलकर जहरीला असर छोड़ रहा है। तीसरी अहम वजह मौसम की स्थिरता और धीमी हवाएँ हैं। AQEWS की रिपोर्ट बताती है कि उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली हवाओं की गति बेहद कम है, जिसके कारण प्रदूषक फैल नहीं पा रहे और वातावरण में जम गए हैं। CPCB के अनुसार, दिल्ली में PM 2.5 का स्तर 189.6 और PM 10 का स्तर 316 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया है, जो सांस संबंधी बीमारियों का बड़ा खतरा है।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए बढ़ा खतरा, डॉक्टरों ने दी चेतावनी
डॉक्टरों और पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ‘गंभीर’ श्रेणी की वायु गुणवत्ता बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी रोगों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद खतरनाक है। प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से आंखों में जलन, गले में खराश, खांसी और अस्थमा जैसी बीमारियाँ तेजी से बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि ऐसे हालात में लोग बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहनें और सुबह-शाम की सैर या आउटडोर गतिविधियों से बचें। घरों के अंदर एयर प्यूरीफायर (Air Purifiers) या फिल्टर का उपयोग फायदेमंद रहेगा। उन्होंने कहा कि यह समय एहतियात बरतने का है, क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही भी गंभीर स्वास्थ्य परिणाम ला सकती है।
मौसम विभाग की चेतावनी – राहत की उम्मीद फिलहाल नहीं
मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले दो से तीन दिनों तक मौसम स्थिर रहने की संभावना है। हल्का कोहरा, ठंडी हवाएं और कम तापमान प्रदूषकों को वातावरण में फंसा कर रखेंगे, जिससे हवा में सुधार की रफ्तार बेहद धीमी रहेगी। न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक पराली जलाने की घटनाएं जारी रहेंगी और वाहनों से निकलने वाले धुएं पर नियंत्रण नहीं होगा, दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी से बाहर नहीं आ पाएगी। फिलहाल, राजधानी की हवा जहरीली बनी हुई है और आम लोगों के लिए यह सांसों की सबसे बड़ी परीक्षा साबित हो रही है।










