TRAI Introduces CNAP Feature: अब फर्जी कॉल्स का होगा अंत! TRAI ने CNAP फीचर को दी मंजूरी, असली नाम दिखेगा कॉल पर

TRAI Introduces CNAP Feature: TRAI की नई पहल: कॉल उठाने से पहले दिखेगा कॉलर का असली नाम, जानिए कैसे काम करेगा CNAP फीचर

TRAI Introduces CNAP Feature: अब मोबाइल यूज़र्स को फर्जी कॉल्स, धोखाधड़ी और डिजिटल ठगी से बचाने के लिए TRAI ने बड़ा कदम उठाया है। कॉल करने वाले का असली नाम अब मोबाइल स्क्रीन पर दिखेगा। इस नई सुविधा का नाम है CNAP (Calling Name Presentation), जिसे TRAI ने दूरसंचार विभाग (DoT) के प्रस्ताव पर हरी झंडी दे दी है। यह फीचर डिफॉल्ट रूप से सभी यूज़र्स के लिए सक्रिय रहेगा। यानी अब किसी अनजान नंबर से आने वाली कॉल के पीछे कौन है, यह पहले ही पता चल जाएगा। आइए जानते हैं, CNAP फीचर क्या है और कैसे काम करेगा?

क्या है CNAP सेवा?/TRAI Introduces CNAP Feature

CNAP यानी Calling Name Presentation एक ऐसी सुविधा है जो किसी कॉल के दौरान कॉलर का असली नाम रिसीवर की स्क्रीन पर दिखाती है। अब तक फोन में सिर्फ नंबर दिखाई देता था, लेकिन CNAP के आने के बाद मोबाइल नेटवर्क अपने डेटाबेस से कॉलर की पहचान भी बताएगा। फरवरी 2024 में TRAI ने इसकी सिफारिश की थी, और अब इसे सभी यूज़र्स के लिए स्वतः लागू करने की मंजूरी मिल चुकी है। इसका उद्देश्य है—फर्जी कॉल, साइबर ठगी और डिजिटल फ्रॉड पर रोक लगाना।

किन नेटवर्क पर लागू होगी ये सुविधा?

CNAP फीचर सिर्फ 4G और उससे आगे की तकनीक वाले मोबाइल नेटवर्क पर लागू होगा। 2G और 3G नेटवर्क पर तकनीकी सीमाओं की वजह से इसे फिलहाल लागू नहीं किया जा सकेगा। इसका मतलब है कि पुराने सिम या बेसिक नेटवर्क वाले यूज़र्स को यह सुविधा नहीं मिलेगी। TRAI का कहना है कि जैसे-जैसे मोबाइल सेवाएं 5G और उससे आगे बढ़ेंगी, CNAP का दायरा भी अपने आप विस्तृत होता जाएगा।

क्या सभी कॉलर्स का नाम दिखेगा?

ट्राई ने स्पष्ट किया है कि जिन यूज़र्स ने Calling Line Identification Restriction (CLIR) सेवा ले रखी है, उनका नाम कॉल रिसीवर को नहीं दिखेगा। यह फीचर उन लोगों की गोपनीयता (Privacy) को सुरक्षित रखने के लिए है जो अपनी पहचान साझा नहीं करना चाहते। हालांकि, सामान्य यूज़र्स के लिए CNAP डिफॉल्ट रूप से ऑन रहेगा, और चाहें तो वे इसे मैनुअली बंद कर सकते हैं।

कब से लागू होगी CNAP सुविधा?

सूत्रों के अनुसार, सरकार जल्द ही इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला लेगी। इसके बाद दूरसंचार विभाग (DoT) मोबाइल कंपनियों, फोन मैन्युफैक्चरर्स और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के साथ मिलकर अगले छह महीनों के भीतर CNAP फीचर को लागू करने की तैयारी करेगा। यानी, 2026 की शुरुआत तक भारत में कॉल उठाने से पहले कॉलर का असली नाम देखना एक सामान्य बात बन जाएगी।

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