Trump Bold Claim Shocks India: अंतरराष्ट्रीय राजनीति के बीच एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का बयान सुर्खियों में है। इस बार उन्होंने भारत और रूस के तेल व्यापार को लेकर ऐसा दावा किया है जिसने कई देशों का ध्यान खींच लिया है। ट्रंप ने न केवल भारत की ऊर्जा नीति को लेकर भविष्यवाणी की, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से हाल ही में हुई बातचीत का भी खुलासा किया। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने चीन को लेकर भी तीखी प्रतिक्रिया दी, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि अमेरिका आने वाले महीनों में नई रणनीतिक दिशा तय कर सकता है। आखिर ट्रंप ने भारत, चीन (China) और रूस को लेकर क्या कहा और क्यों उनके बयान ने हलचल मचा दी है? आइए जानते हैं पूरी खबर विस्तार से—
भारत को लेकर ट्रंप का बड़ा दावा/Trump Bold Claim Shocks India
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बार फिर भारत को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि भारत साल के अंत तक रूस से तेल की खरीद को 60 प्रतिशत तक कम कर देगा। ट्रंप ने बताया कि यह एक क्रमिक प्रक्रिया है और इसे अचानक रोका नहीं जा सकता। उन्होंने दावा किया कि भारत ने स्वयं यह निर्णय लिया है और अब तेल की निर्भरता को धीरे-धीरे घटा रहा है। ट्रंप के अनुसार, साल के अंत तक भारत की रूस से तेल खरीद लगभग शून्य के करीब पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि कल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत हुई है और वे एक शानदार व्यक्ति हैं। ट्रंप के इस बयान को वैश्विक ऊर्जा बाजार में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है, क्योंकि भारत अब तक रूस से कच्चे तेल का एक प्रमुख खरीदार रहा है।

चीन पर ट्रंप का सख्त बयान
ट्रंप ने अपने बयान में चीन (China) को लेकर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चीन का मामला भारत से बिल्कुल अलग है। उनके अनुसार, रूस और चीन के बीच का रिश्ता मजबूरी पर टिका हुआ है। ट्रंप ने बताया कि यह संबंध स्थायी नहीं है और बाइडेन तथा ओबामा प्रशासन की नीतियों के चलते दोनों देशों को एक-दूसरे के करीब आना पड़ा। उन्होंने कहा, “चीन और रूस दोस्त नहीं हो सकते। मैं चाहता हूं कि यह दोस्ती बनी रहे, लेकिन यह संभव नहीं है।” ट्रंप के इस बयान से साफ है कि वे भविष्य में चीन के खिलाफ अपनी नीतियों को और कठोर बना सकते हैं। साथ ही, उनकी शी जिनपिंग से होने वाली आगामी मुलाकात पर भी अब सभी की निगाहें टिकी हैं। यह मुलाकात वैश्विक कूटनीतिक समीकरणों में नया मोड़ ला सकती है।
टैरिफ नीति पर ट्रंप का दावा
ट्रंप ने अमेरिका की आर्थिक नीतियों पर बात करते हुए कहा कि टैरिफ के कारण देश को भारी लाभ हुआ है। उनके अनुसार, “हम एक देश के रूप में इस समय बहुत अच्छा कर रहे हैं और यह सब टैरिफ की वजह से हुआ है।” उन्होंने यह भी कहा कि दशकों तक टैरिफ का इस्तेमाल अमेरिका (America) के खिलाफ किया गया, जिसकी वजह से देश पर 37 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज हो गया। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। ट्रंप ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में अमेरिका ने आठ युद्ध रुकवाए, जिनमें से 5-6 युद्ध केवल टैरिफ नीति के कारण थमे। उनके इस बयान से यह साफ झलकता है कि वे आर्थिक नीतियों को वैश्विक स्थिरता से सीधे जोड़ते हैं। ट्रंप की यह रणनीति भविष्य में उनकी चुनावी रैलियों में एक बड़ा मुद्दा बन सकती है।
वैश्विक राजनीति में ट्रंप के बयान का असर
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के इन बयानों ने अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक हलकों में नई चर्चा छेड़ दी है। भारत को लेकर उनके दावे ने ऊर्जा बाजार में हलचल मचा दी है, जबकि चीन और रूस पर की गई टिप्पणी ने कूटनीतिक समीकरणों को नया मोड़ दे दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर भारत सच में रूस से तेल की निर्भरता कम करता है, तो इसका असर न केवल वैश्विक तेल व्यापार पर पड़ेगा बल्कि भारत-रूस संबंधों पर भी पड़ सकता है। वहीं, चीन को लेकर ट्रंप का रुख यह दिखाता है कि आने वाले समय में अमेरिका एशिया में अपनी पकड़ और मजबूत करने की कोशिश करेगा। कुल मिलाकर, ट्रंप के इन ताजा बयानों ने यह संकेत दिया है कि वैश्विक राजनीति एक बार फिर नए दौर की ओर बढ़ रही है, जहाँ हर देश अपने हितों की नई परिभाषा तय कर रहा है।










