US-Venezuela Conflict: लैटिन अमेरिका (Latin America) एक बार फिर वैश्विक तनाव के केंद्र में है। वेनेजुएला (Venezuela) के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो (Nicolás Maduro) ने ऐसा बयान दिया है जिसने अंतरराष्ट्रीय मंच पर हलचल मचा दी है। अमेरिका के साथ दशकों पुराने विवाद के बीच मादुरो ने अपनी सेना को तैयार रहने का आदेश दिया और देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सूत्रों के अनुसार, यह कदम सीधे तौर पर अमेरिका को चेताने के लिए उठाया गया है। अब जब रूस की भूमिका भी इसमें दिखाई दे रही है, तो मामला सिर्फ क्षेत्रीय नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक रूप से बेहद अहम बन गया है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि मादुरो को सार्वजनिक रूप से ‘हर इंच जमीन के लिए लड़ने’ की बात कहनी पड़ी? आइए जानते हैं पूरी खबर क्या है।
रूसी मिसाइलों से लैस हुआ वेनेजुएला/US-Venezuela Conflict
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो (Nicolás Maduro) ने बुधवार को अपने टेलीविज़न संबोधन में घोषणा की कि देश ने रूस से प्राप्त 5,000 “इग्ला-एस” मिसाइलें तैनात कर दी हैं। उन्होंने कहा कि ये मिसाइलें मातृभूमि की आज़ादी, शांति और संप्रभुता की रक्षा के लिए हैं। मादुरो ने चेतावनी दी — “यदि कोई साम्राज्यवादी ताकत हमारी जमीन पर नजर डालेगी, तो हम बिना झिझक जवाब देंगे।” विशेषज्ञों के अनुसार, “इग्ला-एस” मिसाइलें शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम हैं जो हेलीकॉप्टर, ड्रोन और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों को निशाना बना सकती हैं। इन हथियारों की तैनाती से वेनेजुएला की हवाई सुरक्षा क्षमता कई गुना बढ़ने की संभावना है। मादुरो ने कहा कि ये मिसाइलें केवल सीमाओं की रक्षा के लिए हैं और किसी भी अमेरिकी सैन्य उकसावे का करारा जवाब देने में इस्तेमाल की जाएंगी।

अमेरिका और वेनेजुएला के बीच पुराना टकराव
अमेरिका और वेनेजुएला (America and Venezuela) के रिश्ते दशकों से तनावपूर्ण हैं। ट्रंप (Trump) प्रशासन के दौरान यह टकराव चरम पर पहुंच गया था, जब अमेरिका ने वेनेजुएला पर कई आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंध लगाए। इनमें तेल व्यापार पर रोक, मादुरो सरकार की संपत्तियों को फ्रीज करना और उन पर इंटरनेशनल ड्रग ट्रैफिकिंग के आरोप शामिल थे। हाल ही में अमेरिका ने वेनेजुएला की समुद्री नावों पर कार्रवाई की थी, जिसे उसने “ड्रग्स विरोधी ऑपरेशन” बताया। मगर मादुरो सरकार ने इस कार्रवाई को अपनी संप्रभुता पर हमला करार दिया। अब मादुरो के इस नए बयान के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वेनेजुएला की यह घोषणा अमेरिका के प्रति एक स्पष्ट चेतावनी है — “हम अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि तैयार हैं।”
अमेरिका ने मादुरो पर रखा इनाम और लगाए आरोप
अमेरिका (America) ने वेनेजुएला (Venezuela) के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो (Nicolás Maduro) पर मादक पदार्थों की तस्करी और आतंक से जुड़े गंभीर आरोप लगाए हैं। ट्रंप प्रशासन ने 7 अगस्त 2025 को उनकी गिरफ्तारी पर 50 मिलियन डॉलर (करीब 420 करोड़ रुपये) का इनाम घोषित किया था। इसके साथ ही, अमेरिकी अधिकारियों ने मादुरो और उनके सहयोगियों की लगभग 700 मिलियन डॉलर की संपत्तियां जब्त कीं, जिनमें दो निजी विमान भी शामिल हैं। अमेरिकी न्याय विभाग का दावा है कि मादुरो ने ड्रग कार्टेल के साथ मिलकर “फेंटानाइल मिश्रित कोकीन” अमेरिका भेजने की साजिश रची थी। मार्च 2020 में मैनहैटन की संघीय अदालत ने उनके खिलाफ ‘नार्को-टेररिज्म’ और ड्रग ट्रैफिकिंग के मामले दर्ज किए थे। बाद में बाइडेन प्रशासन ने मादुरो की गिरफ्तारी पर इनाम बढ़ाकर 25 मिलियन डॉलर कर दिया।
विवादित सत्ता, आर्थिक तबाही और अमेरिकी प्रतिबंधों का असर
निकोलस मादुरो (Nicolás Maduro) 2013 से सत्ता में हैं और उन पर बार-बार चुनावी धांधली तथा मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं। 2024 के चुनावों के बाद अमेरिका, यूरोपीय संघ और कई लैटिन अमेरिकी देशों ने परिणामों को मानने से इनकार किया था। तेल पर निर्भर अर्थव्यवस्था और भ्रष्टाचार ने वेनेजुएला की स्थिति को चरमरा दिया है। कभी “लैटिन अमेरिका का सऊदी अरब” कहा जाने वाला यह देश आज गरीबी की जद में है, जहां 75% से अधिक आबादी गरीबी रेखा के नीचे जी रही है। BBC की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सात वर्षों में 75 लाख लोग देश छोड़ चुके हैं। अमेरिकी प्रतिबंधों ने अर्थव्यवस्था को लगभग ठप कर दिया है। मादुरो प्रशासन इसे “आर्थिक युद्ध” बताता है, जबकि अमेरिका का कहना है कि यह कदम “लोकतंत्र बहाली” के लिए उठाया गया है।










