Vastu Tips for Tulsi Plant: हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा केवल एक औषधीय पौधा नहीं, बल्कि आस्था, शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि जहां तुलसी निवास करती है, वहां नकारात्मक शक्तियां टिक नहीं पातीं और देवी लक्ष्मी (Maa Lakshmi) का वास होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी को गलत दिशा या गलत तरीके से रखने पर शुभ फल के बजाय विपरीत परिणाम भी मिल सकते हैं? वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में तुलसी के पौधे को लेकर बेहद स्पष्ट नियम बताए गए हैं, जिनका सीधा संबंध घर की सुख-शांति, आर्थिक स्थिति और मानसिक संतुलन से जुड़ा है। सही दिशा में रखा तुलसी का पौधा किस्मत बदल सकता है, जबकि छोटी सी गलती भारी पड़ सकती है। तो चलिए जानते हैं समझते हैं..
तुलसी का धार्मिक और वास्तु महत्व/Vastu Shastra)
तुलसी को हिंदू धर्म में अत्यंत पूजनीय माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता तुलसी को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का प्रिय और देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा घर के वातावरण को शुद्ध करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसे घर में लगाने से मानसिक तनाव कम होता है और पारिवारिक कलह में भी कमी आती है। शास्त्रों में कहा गया है कि जहां तुलसी की नियमित पूजा होती है, वहां दरिद्रता नहीं आती। यही कारण है कि प्राचीन समय से ही घरों के आंगन में तुलसी वृंदावन बनाया जाता रहा है। लेकिन तुलसी का यह शुभ प्रभाव तभी मिलता है, जब उसे वास्तु के नियमों के अनुसार सही स्थान और विधि से स्थापित किया जाए।

तुलसी रखने की सही दिशा क्या कहता है वास्तु
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा घर की उत्तर-पूर्व (North-East) या पूर्व (East) दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है। ये दिशाएं सकारात्मक ऊर्जा की मानी जाती हैं और यहां रखा तुलसी का पौधा घर में सुख-समृद्धि को बढ़ाता है। तुलसी को कभी भी दक्षिण (South) दिशा में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह दिशा नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी मानी जाती है। साथ ही तुलसी को हमेशा गमले या वृंदावन में जमीन से थोड़ा ऊंचा रखना चाहिए, ताकि उसे पर्याप्त सूर्य प्रकाश मिल सके। बालकनी, आंगन या खुले स्थान में तुलसी रखना अधिक शुभ माना जाता है। सही दिशा में स्थापित तुलसी का पौधा घर के वास्तु दोष को भी काफी हद तक शांत करता है।
तुलसी के पास क्या न रखें, जानिए जरूरी नियम
वास्तु के अनुसार, तुलसी का पौधा जहां रखा हो, वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी है। तुलसी के पास कभी भी झाड़ू, जूते-चप्पल, कूड़ादान या किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं रखनी चाहिए। इसके अलावा तुलसी के पास भगवान गणेश (Lord Ganesha) की मूर्ति रखना भी वास्तु में वर्जित माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इससे देवी लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं। सूखा या मुरझाया हुआ तुलसी का पौधा भी नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, इसलिए समय-समय पर सूखे पत्ते हटाना और पौधे की देखभाल करना जरूरी है। तुलसी के आसपास का स्थान हमेशा शांत, पवित्र और व्यवस्थित होना चाहिए।
तुलसी की पूजा और देखभाल का सही तरीका
तुलसी की नियमित पूजा घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। वास्तु और शास्त्रों के अनुसार, सुबह स्नान के बाद तुलसी को जल अर्पित करना चाहिए और घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। पूजा के समय “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करते हुए तुलसी की परिक्रमा करनी चाहिए। ध्यान रखें कि रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें। तुलसी को रोज पानी दें, लेकिन जलभराव न होने दें। स्वस्थ और हरा-भरा तुलसी का पौधा घर में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि को आकर्षित करता है। वास्तु मान्यताओं के अनुसार, सही पूजा और देखभाल से तुलसी सचमुच भाग्य बदलने वाली साबित होती है।










