Why Virat Kohli is King: क्यों विराट कोहली कहलाए ‘किंग’? जन्मदिन पर याद करें उनकी 5 ऐतिहासिक पारियां

Why Virat Kohli is King: 36वें जन्मदिन पर जानिए विराट कोहली की वो 5 पारियां जिन्होंने रचा क्रिकेट इतिहास

Why Virat Kohli is King: वो सिर्फ रन नहीं बनाते, बल्कि रिकॉर्ड्स के साथ खेल की परिभाषा भी बदल देते हैं। भारतीय क्रिकेट के ‘किंग’ (King) विराट कोहली आज (5 नवंबर 2025) अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। उम्र चाहे जो भी हो, उनका जोश, फिटनेस और रन मशीन बनने का जज़्बा अब भी वैसा ही है जैसा एक दशक पहले था। क्रिकेट के हर फॉर्मेट में कोहली ने अपनी बल्लेबाज़ी से दुनिया को हैरान किया है। भले ही अब उन्होंने टी20 और टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो, लेकिन वनडे में उनका जलवा बरकरार है। आइए जानते हैं विराट कोहली (Virat Kohli) की वो 5 ऐतिहासिक पारियां, जिन्होंने उन्हें ‘किंग कोहली’ बना दिया।

होबार्ट 2012 – जब जन्मा ‘चेज मास्टर’

साल 2012 की बात है। ऑस्ट्रेलिया (Australia) में खेली जा रही CB त्रिकोणीय सीरीज में भारत को श्रीलंका के खिलाफ 321 रन का लक्ष्य मिला था। मुश्किल ये थी कि टीम को न सिर्फ जीत चाहिए थी, बल्कि 40 ओवरों के भीतर बोनस पॉइंट भी हासिल करना था। तभी मैदान पर उतरे विराट कोहली, और मानो हर गेंद उनके स्क्रिप्ट का हिस्सा हो। गौतम गंभीर और सुरेश रैना के साथ साझेदारी करते हुए उन्होंने श्रीलंकाई गेंदबाजों की जमकर खबर ली। सिर्फ 86 गेंदों में 133 रन— 16 चौके और 2 छक्के। भारत ने 36.4 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया। उस दिन होबार्ट में तूफान नहीं, कोहली का करिश्मा खेल रहा था।

ढाका 2012 – जब ‘किंग’ का हुआ ऐलान

एशिया कप 2012 (Asia Cup) के उस दिन पाकिस्तान (Pakistan) ने भारत को 329 रन का पहाड़ जैसा लक्ष्य दिया था। सबको लगा मुकाबला एकतरफा होगा, लेकिन विराट कोहली ने अपनी 183 रनों की तूफानी पारी से इतिहास लिख दिया। 148 गेंदों में 22 चौके और 1 छक्के के साथ उन्होंने पाकिस्तान के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दीं। भारत ने 13 गेंद शेष रहते लक्ष्य हासिल कर लिया। यही वह मैच था जब कोहली को पहली बार “चेज मास्टर” कहा गया। यह सिर्फ एक जीत नहीं थी — यह उस बल्लेबाज का उदय था, जो हर लक्ष्य को संभव बना देता है।

एडिलेड 2014 – बहादुरी की मिसाल

ऑस्ट्रेलिया (Australia) में 2014 का एडिलेड टेस्ट विराट कोहली (Adelaide Test Virat Kohli) के करियर की यादगार पारियों में से एक है। चौथी पारी में भारत के सामने 364 रन का लक्ष्य था। जहां हर बल्लेबाज दबाव में था, वहीं कोहली ने कप्तान के रूप में कमान संभाली और 175 गेंदों में 141 रनों की लाजवाब पारी खेली। हालांकि भारत 48 रन से मैच हार गया, लेकिन कोहली की बल्लेबाज़ी ने ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों को भी उनका कायल बना दिया। यह पारी सिर्फ रन नहीं, बल्कि भारतीय कप्तान की बहादुरी, आत्मविश्वास और नेतृत्व का प्रतीक बन गई।

बर्मिंघम 2018 – आलोचकों को मिला जवाब

2014 के इंग्लैंड दौरे (England Tour) पर विराट कोहली (Virat Kohli) की नाकामी को बार-बार उठाया जाता था। लेकिन 2018 में जब वे बर्मिंघम (Birmingham) लौटे, तो सब कुछ बदल गया। मुश्किल पिच, घातक गेंदबाजी और इंग्लैंड के अनुकूल माहौल के बावजूद कोहली ने 149 रनों की शानदार पारी खेली। उनका हर कवर ड्राइव और फ्लिक आलोचकों को करारा जवाब था। इस पारी ने भारत को टेस्ट में 31 रनों की जीत दिलाई और कोहली को फिर साबित किया कि क्लास कभी आउट ऑफ फॉर्म नहीं होती।

मेलबर्न 2022 – जब भारत को मिला ‘विराट क्षण’

T20 वर्ल्ड कप 2022 में पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ मेलबर्न की वो रात हर भारतीय के दिल में बसी है। जब भारत 31 रन पर 4 विकेट खो चुका था, तब विराट ने मैदान संभाला। 53 गेंदों में नाबाद 82 रन, और हारिस रऊफ की गेंद पर वो ‘आइकॉनिक छक्का’— जिसने न सिर्फ भारत को जीत दिलाई, बल्कि भावनाओं का विस्फोट कर दिया। मैच के बाद खुद विराट बोले, “यह मेरी जिंदगी की सबसे खास पारी थी।”

विराट कोहली: एक युग पुरुष/Why Virat Kohli is King

विराट कोहली (Virat Kohli) ने अपने खेल से सिर्फ रिकॉर्ड नहीं बनाए, बल्कि भारतीय क्रिकेट में आत्मविश्वास की नई परिभाषा गढ़ी। मैदान पर उनका हर रन मेहनत, समर्पण और जुनून का प्रतीक है। 36 की उम्र में भी उनकी फिटनेस और क्रिकेट के प्रति प्यार युवाओं के लिए प्रेरणा है। शायद इसी लिए उन्हें “किंग कोहली” कहा जाता है- क्योंकि उन्होंने खेल में सिर्फ हिस्सा नहीं लिया, बल्कि उसे एक युग में बदल दिया।

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