Indore News : इंदौर के थाना पंढरीनाथ पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। लंबे समय से फरार चल रहे 10 हजार रुपये के इनामी आरोपी राजा हाशमी को पुलिस ने नरसिंहपुर जिले से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पर किन्नर समुदाय को प्रताड़ित करने, धमकी देने और सामूहिक आत्महत्या के लिए उकसाने का गंभीर आरोप लगा था। पुलिस की लगातार दबिश और अथक प्रयासों से आरोपी को उसके बहनोई के घर से पकड़ा गया, जहां वह छिपा हुआ था।
घटना की जड़ 15 अक्टूबर 2025 की रात करीब 8:00 बजे की है। फरियादी सोना मंगला गौरी नंदगिरि महामंडलेश्वर (उम्र 37 वर्ष), जो नंदलालपुरा, इंदौर की निवासी हैं, ने 16 अक्टूबर 2025 को थाना पंढरीनाथ में रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उनके चेले और अन्य साथी सपना हाजी, राजा हाशमी, अक्षय कुमांयु तथा पंकज जैन द्वारा लगातार परेशान करने, धमकी देने और पूरे किन्नर समुदाय को प्रताड़ित करने के कारण उनके 24 किन्नर साथियों ने फिनाइल पीकर आत्महत्या की कोशिश की। उस समय फरियादी घर पर मौजूद नहीं थीं।

इस रिपोर्ट के आधार पर थाना पंढरीनाथ में मुकदमा दर्ज किया गया है।और विवेचना शुरू की गई। मुख्य आरोपी राजा हाशमी (पिता सलीम हाशमी, उम्र 39 वर्ष, निवासी अम्बेडकर नगर, थाना आधारताल, जिला जबलपुर) की तलाश के लिए पुलिस टीमों ने कई जिलों में छापेमारी की।
इनाम घोषित और गिरफ्तारी की कार्रवाई
आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए पुलिस उपायुक्त इंदौर महानगर जोन-4 ने राजा हाशमी पर 10,000 रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस टीम लगातार प्रयासरत थी। आखिरकार 26 अक्टूबर 2025 को सूचना मिली कि आरोपी अपने बहनोई शानू के घर पर छिपा हुआ है। पुलिस टीम ने ग्राम बगासपुर, थाना गोटेगांव, जिला नरसिंहपुर में दबिश दी। आरोपी भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन टीम ने घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया।
आरोपी को हिरासत में लेकर इंदौर लाया गया। पूछताछ में राजा हाशमी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया, जिसके बाद उसे विधिवत गिरफ्तार किया गया।
आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड
राजा हाशमी कोई पहली बार अपराधी नहीं है। उसके खिलाफ इंदौर और जबलपुर में कुल 7 अपराध दर्ज हैं, जिनमें मारपीट, अड़ीबाजी (जबरन वसूली) और जान से मारने की धमकी जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। यह गिरफ्तारी किन्नर समुदाय के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है, जो लंबे समय से आरोपी की धमकियों से त्रस्त था।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस सफल गिरफ्तारी में थाना पंढरीनाथ की टीम ने अहम भूमिका निभाई। मुख्य सदस्यों में शामिल हैं, निरीक्षक अजय राजौरिया, उप-निरीक्षक राम रघुवंशी, सउनि विकाश शर्मा डीआरपी, प्रआर 1973.
पुलिस अधीक्षक ने टीम की प्रशंसा की है और कहा कि ऐसे प्रयास अपराधियों में दहशत पैदा करेंगे। मामले की आगे की जांच जारी है, और अन्य आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है।
यह गिरफ्तारी इंदौर पुलिस की सतर्कता और समर्पण का उदाहरण है, जिससे समाज के कमजोर वर्गों को सुरक्षा का संदेश मिला है।










