रायबरेली में कांग्रेस जो कभी गांधी का गढ़ कहा जाता था आज उस पड़ाव पर पहुंच चुकी है। जैसे सूखा हुआ पेड़ लगातार इस पेड़ की डालियां टूट- टूट कर दूसरी जगह पर गिर रही है। पार्टी छोड़ने वाले ज्यादातर एक विशेष जाति के ही है। ऐसा आरोप जिला कांग्रेस कमेटी ने लगाया है। लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा के बाद राजनीति पार्टियां अपनी अपनी रणनीति बनाकर चुनावी मैदान में कूद चुकी हैं। चुनाव में चुनाव तो नेता लड़ता है लेकिन उसकी नैया कार्यकर्ता ही पार लगवाते हैं। कार्यकर्ताओं की बदौलत ही कोई भी नेता बनता है और पार्टी खड़ी होती। ऐसे में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा चुनाव परिणामों को बदल सकती है। रायबरेली में ज्यादातर सांसद कांग्रेस पार्टी के रहे हैं। जिनमें गांधी परिवार का ही वर्चस्व रहा है। मौजूदा सांसद सोनिया गांधी इस समय राजस्थान से राज्यसभा की सांसद बन चुकी है। कांग्रेस पार्टी से गांधी परिवार के सदस्य के चुनाव लड़ने के उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन बिना कार्यकर्ताओं के चाहे कितना बड़ा ही नेता क्यों ना हो चुनाव नहीं जीत सकता। कांग्रेस पार्टी से पुराने कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में आज कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पार्टी से नाराज होकर सदस्यता त्याग दी।
दर्जन भर कार्यकर्ताओं ने छोड़ी पार्टी की सदस्यता
कांग्रेस पार्टी छोड़ने वालों में अभिषेक दिवाकर सदस्य कांग्रेस कमेटी, नागेंद्र सिंह महामंत्री जिला कांग्रेस कमेटी, राज किशोर सिंह बघेल अध्यक्ष पंचायत प्रकोष्ठ कमेटी कांग्रेस, विवेक प्रताप सिंह अध्यक्ष किसान कांग्रेस कमेटी, प्रकाश मुरारका सचिव शहर कमेटी, मोहित सिंह महामंत्री यूथ कांग्रेस कमेटी, जितेंद्र द्विवेदी सचिव जिला कांग्रेस कमेटी, धर्मेंद्र सिंह प्रधान बहेरिया विकासखंड डलमऊ, अजीत सिंह उपाध्यक्ष यूथ विधानसभा हरचंदपुर, साहबदीन पासी पूर्व प्रत्याशी विधानसभा क्षेत्र बछरावां ने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है। पार्टी में पिछले 25 वर्षों से काम करने वाले पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य रवींद्र कुमार सिंह ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दिन पार्टी छोड़ दी थी। वहीं शकुंतला यादव पूर्व जिला पंचायत सदस्य जिला कार्यकारिणी सदस्य समाजवादी पार्टी ने भी पार्टी छोड़ने का एलान किया है।