आदिवासी समाज प्रकृति पुजा के रूप में मनाते है सरहुल पर्व : निवर्तमान पार्षद रामचंद्र महतो
फुसरो नप क्षेत्र के वार्ड संख्या 17 के घुटियाटांड बस्ती में केंद्रिय सरना समिति बेरमो द्वारा सरहुल स्थल में शनिवार को सरहुल पुजा महोत्सव एवं तीरदांजी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. सर्वप्रथम यहां पारंपरिक ढंग से पुजारी नाया सुकरा मुंडा ने सखुआ फूल, महुआ फूल, धधकी फुल से मारंगबुरू की पूजा अर्चना की। यहाँ मुख्य अतिथि निवर्तमान वार्ड पार्षद रामचंद्र महतो, विशिष्ट अतिथि अभय कुमार ठाकुर, ललन रवानी, श्यामलाल उरॉव, पुनीत महतो, अशोक भलोटिया के द्वारा महोत्सव को फीता काटकर उद्घाटन किया किया। इस दौरान आदिवासी समुदाय की महिलाये व युवतियों के साथ मांदर की थाप में निवर्तमान वार्ड पार्षद रामचंद्र महतो सहित अतिथियो ने भी नृत्य किया। यहां कई टोला के आदिवासी समुदाय के सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं व युवतियों ने नृत्य प्रतियोगिता में भाग लिया। मुख्य अतिथि निवर्तमान वार्ड पार्षद श्री महतो ने कहा कि प्रकृति के बगैर मानव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, इसलिए अब सभी को ध्यान देकर प्रकृति की रक्षा करने की जरूरत है। कहा कि सरहुल पर्व झारखंड की संस्कृति व सभ्यता के प्रतीक है। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जंगल पहाड़ का होना अति आवश्यक है, साथ ही तीरदांजी प्रतियोगिता में दर्जनो लोगो ने भाग लिया, जिसमे प्रथम स्थान पृथ्वीराज उरॉव, द्वितीय सावन उरॉव व तृतीय रमेश उरॉव प्राप्त किया। प्रतिभागी बिजेताओ को समिति द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के संयोजक राजेश उरॉव, रमेश उरॉव, कालु उरॉव, निर्मल मुंडा, विकास उरॉव, तरूण उरॉव, वकील उरॉव, शक्ति उरॉव, दशरथ उरॉव, अमृत मांझी, महाबीर उरॉव, धर्मेश उरॉव, छोटे लाल उराँव, पृथ्वी, करण, पिंटु, अभिषेक आदि का योगदान रहा। मौके पर सोनी देवी, ज्योति देवी, नगीया देवी, विलसी देवी, उमा देवी, रानी देवी, मानो देवी, ज्योति देवी, अंजु देवी आदि लोग मौजूद थे।