तीन अभियुक्तों के पास चोरी की 19 बैटरियां बरामद
अभियुक्त की माँ के आरोपों में कितनी सच्चाई,एस.आई. टी करेगी जांच
पुलिस अधीक्षक रायबरेली अभिषेक कुमार अग्रवाल की कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी पर प्रश्नचिन्ह पर लगे आरोप स्वयं पर सवालिया निशान लगा रहा है। शहर की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी जिन कंधों पर टिकी है। जिनके ऊपर नेताओं का दबाव बेअसर है। ऐसे न्यायप्रिय और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधीक्षक पर आरोप कोई नई बात नही है। खीरों पुलिस द्वारा चोरी के आरोप में गिरफ्तार युवकों पर एक अभियुक्त की मां ने माननीय न्यायालय का सहारा लेते हुए अपने पुत्र पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए पुलिस अधीक्षक रायबरेली पर कुटिल मंशा के साथ फंसाये जाने का आरोप लगाया गया। जिसके बाद माननीय न्यायालय ने तत्काल पुलिस महानिदेशक से घटना की जांच कर दो महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया है, जबकि अभियुक्त की मां के द्वारा प्रस्तुत कहानी ही खोखली प्रतीत हो रही है। आरोप में मां ने पुत्र के आपराधिक इतिहास पर प्रकाश डालने की बात की परंतु साथ मे अन्य दो अभियुक्तों की आपराधिक इतिहास पर शायद प्रकाश डालना भूल गयी, अभियुक्त की मां ने ये भी कहाँ की पुलिस अधीक्षक द्वारा टैक्सी की मांग की गई, जो अपने आप मे ही हास्यास्पद है। इतना ही नही चोरी के खुलासे में बरामद 19 बैटरियां भी अपने आप मे एक संगठित गिरोह के संचालन की ओर इशारा कर रही है। अब सवालों के जवाब पुलिस महानिदेशक द्वारा गठित एसआईटी द्वारा दो माह में प्रस्तुत की जाएगी जिसमें दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
पुलिस अधीक्षक की सख्त कार्यशैली से नाराज सफेदपोश नेताओं द्वारा दबाव तो नही
जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यभार संभालते ही अभषेक कुमार अग्रवाल सफेदपोश नेताओं के हाशिये पर आ गए थे, क्योकि उनके व्यवहार में जहां कानून के पालन की सख्ती दिख रही थी। वही गरीब फरियादियों के लिए न्याय की सुनिश्चितता की वचनबद्धता भी देखी जा रही थी, जो सफेदपोश नेताओं और उनके कारखाशों के लिए बिल्कुल भी माकूल थी जिले की ज्यादातर कोतवाली और थानों में न्यायसंगत कार्य होने लगे गरीबो की फरियादें एफ आई आर के रूप में सामने आने लगी तो सफेदपोश नेताओं के कारखाशों की दुकानों पर ताले पड़ने लगे ये भी एक बड़ा कारण हो सकता है। जिससे झुब्ध होकर एक विशेष मामले को लेकर लोगों द्वारा सुनियोजित तरीके से पुलिस अधीक्षक पर आरोप लगाकर छवि को धूमिल किया जा रहा हो।
पुलिस अधीक्षक की सख्त कार्यशैली के आगे नतमस्तक अपराधी
पुलिस महानिदेशक द्वारा 26 जनवरी 2024 को उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र प्राप्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल पर लगे आरोप और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता के साथ साथ पद संभालने के कुछ समय उपरांत प्रभावी कार्यवाहियों पर भी नजर होनी चाहिए ऊंचाहार कोतवाली में दर्ज मु.अ.संख्या 153/24 धारा 8/20/29
में 8 कुंतल 79 किलोमें अवैध गांजे समेत 4 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई, डलमऊ कोतवाली में दर्ज मु.अ.संख्या 116/24 धारा 376 डी,302,452,34 में 24 घंटे के अंदर खुलासा करते हुए तीन अभियुक्तों को सलाखों के पीछे पहुंचाया, एक वर्ष पूर्व डलमऊ कोतवाली में मुअ.संख्या 370/23 धारा 302 पति की हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए पत्नी के प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल पहुंचाया। डलमऊ कोतवाली में दर्ज मु.अ संख्या 133/24 भा.दंड संहिता की धारा 3/5(क)/8 गोवध निवारण अधिनियम व धारा 11(घ) पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के अंतर्गत देर रात तक चले अभियान में छः अभियुक्तों की गिरफ्तारी के साथ सकुशल 16 गौवंशों सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के पीछे पुलिस अधीक्षक अभिषेक कुमार अग्रवाल के कुशल निर्देशन के कारण ही संभव हो सका।