लखनऊ डेस्क : यूपी के शाहजहांपुर में मायके में रहे रही 23 साल की महिला की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। घटना के समय मृतका के मां बाप और उसकी एक साल की बेटी मौजूद थी। सभी कमरे में सो रहे थे। कुछ देर बाद आंख खुलने पर मां ने शोर मचाना शुरू किया। स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर पुलिस को सूचना दी। एसपी भी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच कर परिजनों से पूछताछ की और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज चेक किए। पुलिस ने मृतका के पति समेत कई लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं परिजनों ने भी किसी से रंजिश से इंकार किया है। फिलहाल पुलिस ने मृतका का मोबाइल कब्जे में ले लिया है।
चौक कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला भारद्वाजी की रहने वाली 23 साल की पूर्ति गुप्ता की शादी तीन साल पहले मोहल्ला हुसैनपुरा के रहने वाले कमल राजपूत के साथ हुई थी। शादी के बाद से पति से विवाद होने पर पूर्ति एक साथ की बेटी के साथ मायके में रहने लगी थी। गुरूवार की रात पूर्ती अपनी मां वंदना पिता संजय गुप्ता बेटी के साथ कमरे में सोने के लिए लेट गई थी। उसका भाई पवन गुप्ता शाम हरिद्वार जाने के लिए निकल गया था। रात में स्थानीय लोगों ने पुलिस को पूर्ती की हत्या किए जाने की सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो पूर्ती गुप्ता का शव खून से लतपथ कमरे के बाहर बरामदे में पड़ा मिला। मां और पिता रो रहे थे। दूसरी मंजिल पर बने कमरे से बाहर जाने के लिए बने जीने का दरवाजा खुला था। एसपी अशोक कुमार मीणा, एसपी सिटी संजय कुमार, सीओ सिटी सौम्य गुप्ता पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर परिजनों से पूछताछ की और घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। हालांकि मां नेे किसी से भी रंजिश होने से इंकार किया है। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मृतका की मां वंदना ने बताया कि तीन साल पहले बेटी की शादी की थी। पति पत्नी के बीच घरेलू विवाद के बाद बेटी को घर लेकर आए थे। गुरूवार को दिन में पूर्ति ने पति कमल के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रात में एक बेड पर हम पूर्ती और उसकी एक साल की बेटी लेटे थे। दूसरी चारपाई पर पूर्ती के पिता लेटे थे। रात में कुछ आवाज सुनाई दी थी। उठने के बाद बरामदे में देखा तो बेटी जमीन पर पड़ी थी। उसके गले पर चोट का निशान था और खून निकल रहा था। उसकी आंखे खुली थी कुछ बोल भी नही पा रही थी। बेड पर भी खून पड़ा था। उसके उपर किसने हमला किया, उसको देख नही पाए। वैसे तो रोज जीने का दरवाजा लगा लेते थे, लेकिन रात में दरवाजा बंद किया था, ये याद नही है। करीब दो महीने पहले दामाद अपने साथियों के साथ घर पर लड़ने के लिए आया था। उसने पूर्ती पर हाथ भी छोड़ दिया था। तब भी पुलिस बुलाई थी। उन्होंने कहा कि किसी से रंजिश नही है। लेकिन जेठ और खानदान के दूसरे सदस्यों से बनती नही है। वहीं मृतका के पिता को तीन साल पहले फालिश का अटैक हुआ था। उसके बाद से वो बोल नही पाते हैं।