आपको बताते चले की ऊंचाहार कोतवाली में अनिल कुमार सिंह की कार्यशैली खराब होने की वजह से आम जनमानस की काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऊंचाहार में यदि पीड़ितों पास पावर और पैसा हो तो ऊंचाहार कोतवाली से न्याय मिल सकता है। नही तो दर बदर भटकने पर मजबूर हो जाते है। पीड़ित कभी कोतवाल तो कभी पुलिस अधीक्षक के चौखट पर न्याय की गुहार लगाते हुए गरीब परिवारों की पैरो की चप्पल घिस जाते है। लेकिन ऊंचाहार कोतवाल के अंदर इंसानियत जागने का नाम नहीं ले रहा है। कई पीड़ितों ने यह भी बताया कि ऊंचाहार कोतवाली में न्याय के लिए महीनों से दौड़ लगा रहे है। लेकिन ऊंचाहार पुलिस द्वारा उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है। जिस दबंगों को ऊंचाहार कोतवाल द्वारा सह दिया जाता है। जिससे परेशान हो कर दलित व पिछड़ा समाज के कई पीड़ितों ने जिला पंचायत अध्यक्षा रंजना चौधरी से शिकायत करते हुए आप बीती कह सुनाई। ऊंचाहार कोतवाल की इस लचर रवैए से नाराज जिला पंचायत अध्यक्षा रंजना चौधरी आज ऊंचाहार कोतवाली में पीड़ितों की आवाज बन धरने पर बैठ गई। जिसके बाद ऊंचाहार कोतवाल ने मामले में कार्यवाही करने की बात कही। वही अध्यक्षा रंजना चौधरी ने मीडिया रूबरू होते हुए बताया कि कई दिनों से ऊंचाहार की गरीब जनता जब ऊंचाहार कोतवाली में न्याय के लिए जाते है तो पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती। ऊपर उन गरीब परिवारों को दबाव बनाकर समझौता कराकर घर भेज दिया जाता है। यही नहीं बीते दिनों कंदरावा गांव में डा० भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को अराजकतत्वों ने तोड़ दी थी। जिस पर पुलिस सिर्फ अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया है लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई। यही नहीं ऊंचाहार कोतवाली में जब एन टी पी सी गेट पास के लिए पुलिस वेरिफिकेशन के नाम पर पुलिस द्वारा 500 रुपए प्रति वेरिफिकेशन लिया जाता है। साथ में यह भी बताया की ऊंचाहार क्षेत्र में नशे का अवैध कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है। ऊंचाहार पुलिस ने अवैध नशे के कारोबारियों पर कार्यवाही न कर क्षेत्र को नशे का अड्डा बना दिया है।
रही बात कार्यवाही की जब किसी मामले में रायबरेली पुलिस को एक्स के माध्यम से वीडियो सहित सूचना दी जाती है तो रायबरेली पुलिस जवाब तो देती है आवश्यक कार्यवाही हेतु ऊंचाहार कोतवाली प्रभारी को निर्देशित कर दिया गया है। लेकिन ऊंचाहार पुलिस की जमीनी हकीकत यही है। उच्चाधिकारियों को दिखाने के लिए एक्स पर रायबरेली पुलिस निर्देशित का जवाब तो देती लेकिन यहां तो अंधेर नगरी चौपट राजा की कहानी के साथ साथ चोर चोर मौसेरे भाई नजर आ रहे है। अब में सवाल उठता है कि जब रायबरेली पुलिस के निर्देशों का पालन ऊंचाहार कोतवाल साहब नही कर रहे है। तो आम जनता की फरियाद कैसे सुनेंगे। यह एक सोचनीय विषय है। आइए अब आपको बताते है ऊंचाहार कोतवाल के बारे में ऊंचाहार कोतवाल बहुत ही नेक और ईमानदार है। लेकिन ऊंचाहार कोतवाली में कदम रखते है। खरबूजा बन गए। उन्हें अब न तो फरियादी से मतलब है और न ही न्याय व्यवस्था से कोतवाल के इस लचर रवैए से आम जनमानस का न्याय और ऐसे संवैधानिक पद पर से भरोसा उठता दिखाई दे रहा है।
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