लंबे समय तक कथारा में रहकर अपनी शिक्षा पूरी कर समाज सेवा एवं व्यवसाय में जुड़कर अपने जीवन की शुरुआत की। कथारा से गहरा लगाव रहा समाज के क्षेत्र में हमेशा बढ़-चढ़कर अपनी सेवा का निर्वाह किया करते थे। सीसीएल में उच्च कोटि का ठेकेदारी कर अपना व्यवसाय चलकर जीविका का जीवको पार्जन करते थे। 15 वर्ष पूर्व कथारा छोड़कर पंजाब चले गए, जहां पर उन्होंने अपने बड़े व्यवसाय शुरू की। लेकिन कथारा को कभी नहीं भूले हमेशा कथारा इनके दीनयाचार्य रहा। 22 जून को इन्होंने खुद अपनी पत्नी के निधन की सूचना दी और अपने भी 17 जुलाई को अलविदा हो गए। उनके निधन की सूचना पाकर कथारा वाशी मर्माहत है। उनके निधन पर मजदूर नेता व समाजसेवी अजय कुमार सिंह, गुरु नाम सिंह, राजेश शर्मा, अमनदीप सिंह, आशीष चक्रवर्ती, वेदव्यास चौबे, हेमंत कुमार, निशांत सिंह, सुजीत मिश्रा, रमाशंकर मिश्रा, विजय यादव, दिलों चंद यादव, सुनील कुमार गुप्ता, संतोष सिंह, प्रमोद यादव आदि लोगों ने शोक व्यक्त किया है।