लखनऊ डेस्क : मुजफ्फरनगर कावड़ मार्ग यात्रा पर दुकानदारों को नाम लिखे जाने वाले पुलिसया फरमान मामले को लेकर मुजफ्फरनगर के सपा सांसद हरेंद्र मलिक का भी बयान सामने आया है उन्होंने इस तरह के फरमान पर आपत्ति जाहिर की है …
इस मामले में सांसद हरेंद्र मलिक की माने तो देखिए यह तो कोई नागरिक या प्रशासनिक अधिकारी नहीं चाहता की कावड़ खंडित हो और कावड़ यात्रा मुस्लिम क्षेत्रों से होकर गुजरती है और मैं बहुत से मुस्लिम परिवारों को सेवा करते देखा है। पुरकाजी से चेयरमेन जाहिर फारुकी बहुत सेवा करता है एवं यहां जुनैद एंड कंपनी है दूसरा यहां मुफ्ती जुल्फिकार, आसिफ राही, शादाब खान, दिलशाद पहलवान यह कांवड़ियों की देखभाल करते हैं। वह उनकी भावनाएं हैं इसलिए वह करते हैं, हम चाहते हैं आयोजक सुखद रहे सफल रहे कोई दुर्भावना न फैले और अफसोस तो यह है। हमेशा प्रशासन पहले जनप्रतिनिधियों व दूसरे गणमान्य लोगो के साथ में मोहर्रम और कावड़ पर बैठकर चर्चा किया करते थे पर अब तो यह लोग सर्वशक्तिमान हैं क्योंकि कोई चर्चा हुई ही नहीं, मेरी दुकान या ठेला है तो मैंने नाम लिख दिया हरेंद्र मलिक और उसे मेरा दूसरा मॉनेटरी का साथी चल रहा है तो क्या करूं भाई तो बताओ मैं कैसे करूं, देखिए कोई भी शासक अपने देश की जनता से नहीं लड़ सकता और इन्हें यह सोचना चाहिए कि ऐसा कोई काम ना करें जिससे मुजफ्फरनगर बदनाम हो तो मैं तो यही कहूंगा कि ‘देखो दीवानो ऐसा काम ना करो मुजफ्फरनगर का नाम बदनाम ना करो’, मैं तो बता चुका हूं कि यह संविधान की भावनाओं के प्रतिकूल है, यह सलाह तो किसी की लेते ही नहीं है अगर सलाह लेते तो हम सलाह देते शायद यह बात ही ना होती और यह भाजपा के किसी आदमी ने कह दिया तो आदेश जारी कर दिए ताकि भाजपा की पीठ थपथपाती रहे, अरे भाई इतना बड़ा कांड हो गया अभी यह पूछ रहे हैं कि ऐसा चल रहा है हां चल तो रहा ही है, मैं यही कहा कि अधिकारियों को संयमित रहना चाहिए और संविधान की भावनाओं के प्रतिकूल कोई कर्त चाहे लिखित में हो चाहें कैसे हो वह नहीं करना चाहिए।