रांची : झारखंड कृषि ऋण माफी योजना एक साहसिक और महत्वाकांक्षी पहल है जिसका उद्देश्य कृषि ऋण के बोझ से दबे किसानों को राहत प्रदान करना है।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी एवं कृषि मंत्री दीपिका पांडे जी को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दी। राजेश ठाकुर जी ने कहा कि राज्य सरकार ने किसान कल्याण योजना लागू की है, जो वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक चल रही है। अब तक राज्य के कुल 4,73,667 किसानों का 1900.35 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया जा चुका है। यह योजना झारखंड के किसानों और गैर-किसानों दोनों के लिए उपलब्ध है, जिन्होंने राज्य के किसी भी बैंक से अल्पकालिक फसल ऋण (केसीसी) लिया है।
वह स्थिति या परिस्थिति जिसमें कोई व्यक्ति या कोई चीज मौजूद हो या संचालित हो।
इस योजना के अनुसार, 31 मार्च, 2020 तक बकाया मानक फसल ऋण खातों में 50,000 रुपये तक की कोई भी बकाया राशि माफ कर दी जाएगी।
जिस विधि से इस योजना को क्रियान्वित किया जाएगा, वह प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) प्रणाली के माध्यम से है। इस प्रणाली में सरकारी लाभ और सब्सिडी को सीधे पात्र व्यक्तियों के बैंक खातों में स्थानांतरित करना शामिल है, जिससे प्रक्रिया अधिक कुशल और पारदर्शी हो जाती है।
इस कार्यक्रम में परिवार के केवल एक सदस्य को लाभ प्राप्त करने की अनुमति है, और किसी भी प्रकार के राशन कार्ड का उपयोग करके सत्यापन किया जा सकता है।
आवेदन के लिए आवेदक से 1.00 (एक) रुपये का सेवा शुल्क लिया जाएगा।
सरकार समय-समय पर किसानों के 2,00,000/- रुपये तक के कृषि ऋण माफ करने की घोषणा करती रही है। हाल ही में, इस योजना के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा 14.06.2024 को एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में लिए गए निर्णयों और सिफारिशों के आधार पर, योजना की पहुँच बढ़ाने और बड़ी संख्या में कर्ज में डूबे किसानों को राहत प्रदान करने के लिए कुछ बदलाव प्रस्तावित किए गए
आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में झारखंड कृषि ऋण माफी योजना की सीमा में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जो 50,000 रुपये से बढ़कर 2,00,000 रुपये हो जाएगी। इस योजना के तहत पात्रता की कट-ऑफ तिथि 31.03.2020 होगी। अनुमान है कि इस पहल के लिए लगभग 750.0 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे, जिसका उद्देश्य वित्तीय सहायता की आवश्यकता वाले बड़ी संख्या में झारखंड के लाखों किसानों को लाभान्वित करना ही मुल उद्देश्य है।