रायबरेली में पुलिस विभाग की माने तो अगर किसी गुमसुदा को किसी जनपद या राज्य से बरामद करना है। उसके लिए जो ट्रांसपोर्टपोटेसन चार्ज होते हैं। उसे पुलिस खुद वहन करती है या उन्हें कहीं से मिलता है या नहीं मिलता है। तो क्या बरामद की के दौरान जो पैसे खर्च होते हैं उसे कैसे मैनेज करना है। ऐसा ही एक मामला दरोगा जी के लिए कॉल बन गया, नाम शुभम सिंह, पद दरोगा, काम पीड़ितों को न्याय की बजाय उनसे ही मोटी रकम मांगना। जी हां आपने बिल्कुल सही पढ़ा। ये हम नहीं बल्कि एक पीड़ित पिता की बताई दास्तान है। जहां एक तरफ सूबे की योगी सरकार पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कटिबद्ध नजर आ रही है वहीं दूसरी तरफ योगी जी की बेलगाम पुलिस उनके मंसूबों को पैरों तले रौंदती नजर आ रही है। सीएम योगी का अधिकारियों को सख्त आदेश है कि किसी भी पीड़ित के साथ बदजुबानी व नाइंसाफी न की जाए, साथ ही पीड़ितों की समस्याओं का समयबद्ध समाधान कर त्वरित निस्तारण किया जाए, लेकिन रायबरेली पुलिस इसके उलट पीड़ितों की समस्याओं को लेकर निष्क्रिय नजर आ रही है और तो और पीड़ितों को न्याय देने की बजाय उन्हीं से रुपयों की मांग से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। जहां बीते चार दिनों से एक पीड़ित पिता अपनी नाबालिग बेटी के अपहरण की आशंका जताते हुए कोतवाली में शिकायती पत्र देते हुए कार्यवाही की मांग की थी। कार्यवाही तो दूर की बात चार दिन बीतने के बाद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने तक की भी जहमत नहीं उठाई। स्थानीय कोतवाली पुलिस की निष्क्रिय कार्यशैली से क्षुब्ध व निराश पीड़ित पिता ने पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी की चौखट पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है। जिसका जिम्मेदार और कोई नहीं बल्कि दरोगा है। मामला जनपद के सरेनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत धूरेमऊ गांव का है। शनिवार को स्थानीय थाने से न्याय न मिलता देख पीड़ित पिता ने पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी की चौखट पर पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है। सरेनी थाना क्षेत्र के धूरेमऊ गांव निवासी अशोक कुमार तिवारी पुत्र स्व. गोवर्धन प्रसाद तिवारी ने डीएम-एसपी को शिकायती पत्र देते हुए बताया है कि बीते 14 अगस्त दिन बुधवार को उसकी नाबालिग बेटी श्रेया दोपहर को सरेनी बाजार सामान लेने गई थी। तब से वह आज तक घर वापस नही लौटी है। पीड़ित ने बताया कि एक अज्ञात लड़के द्वारा उसकी बेटी के मोबाइल पर फोन कर परेशान किया जाता था और वह धमकी देता था कि तुम्हें किसी दिन उठा ले जाऊंगा। अपहरण की आशंका जताते हुए पीड़ित पिता द्वारा उक्त मामले की शिकायत सरेनी पुलिस से की गई थी। बावजूद चार दिन बीत गए हैं एफआईआर नहीं दर्ज की गई है। वहीं पीड़ित पिता ने थाना सरेनी में तैनात दरोगा शुभम सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित ने दरोगा शुभम सिंह पर लड़की बरामद करने के लिए रुपए मांगने का आरोप लगाया है। पीड़ित द्वारा दरोगा पर दो-चार 10 हजार नहीं बल्कि पूरे 50 हजार रुपए मांगने का आरोप लगाया गया है। जिसकी शिकायत पीड़ित पिता द्वारा जिला अधिकारी व पुलिस अधीक्षक से की गई है। अब देखना अहम होगा कि क्या पीड़ित पिता को न्याय मिलता है और आरोपी दरोगा पर किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।