सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद के समर्थन में दलित और आदिवासी समाज के लोग गोमिया, होसिर, कर्माटांड़, ललपनिया, कथारा, बोकारो थर्मल, जारंगडीह, फुसरो में बंद करने सड़क पर उतरे। गोमिया चौक पर बंद समर्थक जमा हुए और नारे बुलंद करते हुए गोमिया चौक पर जमे रहे। आवागमन पूरी तरह बंद था, दुकानें बंद रही, बैंक बंद रहे। बंद समर्थक सड़कों पर बाइक से घूम घूम कर नारे बाजी करते रहे। गोमिया के गोमिया चौक, होसिर नदी के सामने, कर्माटांड़, ललपनिया चौक, चतरो चट्टी के लोग कोनार डैम चौक पर बंद समर्थक डटे रह। बंद समर्थक बाद में गोमिया बीडीओ महादेव महतो को राष्ट्रपति के नाम एक स्मार पत्र सौंपा। स्मार पत्र में उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को वर्गीकरण करने का जो निर्णय दिया है वह गलत है उसे तुरंत वापस ले। उन्होंने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की मांग की है और आदेश को निरस्त करने की मांग की है।

बंद के समर्थन में मुख्य रूप से गोमिया गंदौरी राम, रामकिशुन रविदास, सुरेन्द्र मैत्रेय, दिनेश राम, सुनील, मुखिया बलराम रजक, रामबृक्ष मुर्मू, पूर्व मुखिया विनोद पासवान, चंद्रदीप पासवान, कांग्रेस पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष पंकज पांडेय, बसपा के अजय रंजन, मुकेश कुमार, सुरेन्द्र रविदास, धर्मनाथ, अनिल, जयकरण, दिलीप, रविशन, रवि, दिनेश, अभिमन्यु, मुकेश, संदीप, शिवा, सुरेन्द्र, शंकर, रामदेव, हेमंत, दीपक, चतरो चट्टी के कोनार डैम चौक पर कोलेश्वर रविदास, भगवान दास, रवि कुमार सहित अन्य लोग शामिल थे।