रिपोर्ट : अविनाश कुमार
बेरमो प्रखंड कार्यालय के सभागार कक्ष में रविवार को विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारंभ जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय फहीम किरमानी तेनुघाट के सिविल जज राजेश रंजन कुमार (सिनियर डिवीजन) सह न्यायिक दण्डाधिकारी, बेरमो प्रखंड विकास पदाधिकारी मुकेश कुमार, अंचल अधिकारी संजीत कुमार सिंह, बेरमो प्रखंड प्रमुख गिरजा देवी, बेरमो थाना प्रभारी रोहित कुमार सिंह ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम शुभारंभ का किया गया। यहां बाल शोषण, दहेज प्रथा, महिला उत्पीड़न, छेड़खनी और डायन प्रथा आदि विषय पर जानकारी दिया गया। प्रखण्ड विकास पदाधिकारी मुकेश कुमार की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम का संचालन बंटी मिश्रा ने किया। तृतीयकहा कि शिविर के माध्यम से लोगों को कानून की जानकारी देनी है ताकि लोग अपने अधिकार को जाने और उसका लाभ ले सके। कहा कि विधिक सेवा बुनियादी तौर पर लोगों को लीगल एडवाइस देने का काम करता है, इसके साथ ही कानून सहायता भी प्रदान करती है। जिसका दायरा अब काफी बढ़ गया है। कहा कि कई बार जज के निर्णय को कुछ लोग गलत ठहराते हैं। अगर किसी को जज के निर्णय से ऐतराज हो तो वह हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते है, इसके लिए विधिक सेवा मदद करता है। कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है, यहां जनता का सरकार है, जो संविधान और कानून से चलता है। जज फहीम किरमानी ने सम्बोधित करते हुए कहा की सरकार की योजनाओ को सही एवं पारदर्शी के रूप लाभूको को देना सबकी जिम्मेदारी बनता है। इन्होनें विधिक सेवाएं उनसे जूडे नियमो को बताया। अगर अधिकार नहीं मिल रहा हो तो कोर्ट के माध्यम से सहयोग किए जाते हैं।न्यायिक एवं विधिक सेवाएं के तहत अधिकार दिलाने में मदद करती है। विधिक सेवाएं एक कडी़ है जो कानूनन रूप से सहयोग कर सकतें हैं।
सिविल जज राजेश रंजन ने कहा कि छोटे-मोटे घरेलू मामलो का निपटारा जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सामाजिक स्तर पर करें। थाना में कागजी कार्रवाई शुरू होने के बाद न्यायालय से ही जजमेंट मिलता है। कहा कि महिलाएं जागरूक होकर आगे आ रही है और सशक्त हो रही है। महिला अधिकार को जानते हुए अपने घर और परिवार को भी साथ लेकर चलने का काम करें। कहा कि अज्ञानता भी अपराध की जननी है, इसलिए लोग शिक्षित बने। प्रखंड विकास पदाधिकारी मुकेश कुमार व सीओ संजीत सिंह ने कहा कि सरकार के द्वारा चलाए जा रहे योजनाएं समाज के गरीब और असहायों को सशक्त करने का एक बेहतर माध्यम है। कहा कि सभी माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। पुत्र-पुत्री में कोई भेदभाव न करें। बेरमो थाना प्रभारी रोहित कुमार सिंह ने कहा कि अत्याचार करना अगर अपराध है तो अत्याचार को सहने से अपराध भी बढ़ता है. ये दोनों बाते कोई परिवार अगर कोई अत्याचार करता है कोई घरेलू हिंसा करता है, तो उसका विरोध कीजिए विरोध करना एक सार्थक तरीका है। इससे अपराधी का मनोबल बढ़ता है.और उसमे सुधार आता है। हर अपराध के लिए जैसे परिवार में मतभेद होता है और छोटी छोटी बातों से घर टूटता है उन अपराधी को घर परिवार में अगर रोका जाता हैं। उनका विरोध किया जाता हैं तो अवस्य रूप से परिवार में मतभेद नहीं होता है। शिविर में गोद भराई एवं मुंह जुठी रस्म पूरा की गई। मुख्य अतिथि तेनुघाट अपर सत्र जज फहीम किरमानी ने झारखंड की अति महत्वाकांक्षी योजना मय्या सम्मान योजना में स्वीकृति लाभूक महिलाओ और छात्राओं को प्रमाण पत्र दिया गया। इस दौरान सावित्रीबाई फूले किसोरी सम्मृद्धि योजना के तहत किसारियो को भी स्वीकृति प्रमाण पत्र दिया गया। मौके पर बेरमो प्रखंड प्रमुख गिरजा देवी, पेनल तेनुघाट अधिवक्ता उमेश प्रसाद, पीएलवी विष्णु कुमार मिश्रा, सीडीपीओ गोता सोया, जेई अजित साह, प्रकाश कुमार सहित आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका आदि उपस्थित थे।