मानक विहीन चल रहे इन नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग की कब होगी टेढ़ी नजर। कब तक ऐसे मानक विहीन नर्सिंग होम लोगों की जान से खेलते रहेंगे । आये दिन इन निजी नर्सिंग होम के द्वारा गरीबों के जीवन से खिलवाड़ करते आ रहे हैं। मरीज के परिजनों को गुमराह करके सही जानकारी न देते हुए जब तक मरीज की सांस चलती रहती है, तब तक बिल बढ़ाने के चक्कर में पैसे ऐंठते रहते हैं जवाब तभी देते हैं। जब जानते हैं कि मरीज की अब सांस टूटने वाली है। ऐसे नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग का भी कोई कंट्रोल नहीं रहता । यदि कोई मामला उजागर होता है तो स्वास्थ्य विभाग सिर्फ खाना पूर्ति कर इतिश्री कर देता है । रायबरेली में ऐसा मामला आज फिर देखने को मिला जहां पर सलोन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मटियरवा चौराहा परशदेपुर पर स्थित ओम गंगोत्री हॉस्पिटल का निकल कर सामने आया है। यहां के रहने वाले अनिल कुमार पुत्र रामलखन निवासी ग्राम बीरपुर मजरे बरावां पोस्ट परशदेपुर सलोन रायबरेली का निवासी हूँ। अनिल कि पत्नी संजू देवी जिसकी उम्र 27 वर्ष की गर्ववती थी जिसको आशा बहु को बुला करके दिखवाया तो उन्होंने बोला गंगोत्री हॉस्पिटल ले चल के दिखा दो जिसके बाद गंगोत्री हॉस्पिटल (परशदेपुर) ले गया वहा डा० ने देखने के बाद जाँच करके बताया डिलीवरी नार्मल हो जायेगी कुछ समय बीतने के बाद डा० ने दबाव बनाते हुए बोले कि अपरेसन करने से जज्चा बच्चा सुरछित रहेंगे जिसके लिए 25000 हजार रु जमा करना पड़ेगा प्रार्थी के पास 15000 रु था जिसको मैंने जमा कर दिया था, उसके बाद प्रार्थी ने डा० से बोला कि सेस पैसे सुबह जमा कर दूंगा । अपरेसन के बाद पत्नी कि हालत सेरिअस होती चली गयी थी जिसके डा० ने लखनऊ ले जाने के लिए बोला उन्होंने अपने माध्यम से भिजवाया था वहा डा० ने बताया कि अपरेसन करते टाइम पेसाब की नाली को ब्लाक कर दिया गया था इसलिए इसका बचना मुश्किल है कुछ देर पत्नी कि डेथ हो गयी मैंने डा० साहब से फोन से सम्पर्क किया और मैंने कहा मेरी पत्री नार्मल थी तो अपने अपरेसन करके मुझसे पैसा भी ले लिया उसके डा० ने बोला कि मैंने अपरेसन कर दिया है मेरी जुम्मे दरी खत्म है मैंने आपको दुसरे हस्पिटल में भेज दिया है। वहा के डॉ० जो भी उचित ट्रीटमेंट करेंगे और मुझसे फालतू बहस मत कीजिये, इस से तरह मरीज आते रहते है। आपको जो करना है करलो बोल कर फोन काट दिया।