रायबरेली में लाल बहादुर शास्त्री व महात्मा गांधी की जयंती को देश और प्रदेश में स्वच्छता पखवाड़ा के रूप में आज मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री और भाजपा के सभी मुख्यमंत्री व राज्य मंत्री एवं प्रभारी मंत्री कार्यक्रम कर स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। वीवीआईपी और कांग्रेस की भूमि चाहे जाने वाले रायबरेली मे भी आज उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने स्वच्छ भारत मिशन पर जोर देते हुए सड़कों पर झाड़ू लगाकर स्वच्छता पखवाड़ा अंतिम दिन पूरा किया। जबकि रायबरेली यानी गांधी की नगरी मे जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। बावजूद इसके स्वच्छता पखवाड़ा पर कार्यक्रम कर अधिकारी फोटो खींचा कर वाह वाही लूटने मे मस्त है। कागजों में यह शहर स्वच्छ भारत मिशन के चित्र पर मुस्कुराता हुआ दिखाई दे रहा है। जबकि हकीकत में नगर पालिका की उदासीनता नें शहर वासियों को गंदगी के साथ जीने पर मजबूर कर दिया है। नगर पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी की तकरार नें शहर के गली मोहल्लों की नाली और नालों का मुंह खोल दिया है। अब इन्हीं नाली और नालों से निकलने वाला गंदा व दूषित पानी संक्रमण को लगातार जन्म दे रहा है। जिस शहर वासियों के स्वास्थ्य पर अब खतरा मंडराने लगा है। शहर की मुख्य बाजार सब्जी मंडी कि नालियों का गंदा पानी बाहर सड़कों पर आ गया है।
जिसके कारण आम जनमानस को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं मंडी के दुकानदारों पर भी इसका बड़ा असर अब देखने को मिल रहा है। दुकानदारों की माने तो सड़कों पर गंदा पानी भरा होने से और गंदगी ज़मा होने के कारण ग्राहक दूकान तक नही अता है। जिसकी वजह से कारोबार काफी प्रभावित हो रहा है। दुकानदारों ने आगे कहा इस संबंध में नगर पालिका को कई बार शिकायत की जा चुकी है। लेकिन परिणाम स्वरूप गंदा पानी ही बढ़ता नजर आया। ना तो नगर पालिका का कर्मचारी और ना ही कोई अधिकारी इसे ओर कभी देखने भी आया है। अब तो सब ऊपर वाले के ही भरोसे है।