रिपोर्ट : अविनाश कुमार
नवरात्र शुरू होते ही फुसरो शहर दुर्गोत्सव के रंग में रंग गया है। शहर के पूजा पंडालों में पूजा, पाठ, आरती के मंत्रोच्चारण से क्षेत्र भक्तिमय वातावरण हो गया है। पंडाल व मूर्ति को भी कारीगर अंतिम रूप देने में लगे हुए है। इसी में फुसरो शहर के करगली बाजार नावाखाली पाडा के पूजा व विधि विधान की एक अलग ही चर्चा रहती है। यहां बंगाली रिति रिवाज से पूजा पाठ और मां दुर्गा की एक कमरे में अलग प्रतिमा स्थापित कर किये जाने वाले अनुष्ठान व आराधान होती है। पंडित कुमोद बंधु भट्टाचार्य व अनादी चहर्जी के द्वारा विधि-विधान के साथ पूजा करवाया जा रहा है।

करगली बाजार नावाखाली पाड़ा में श्री श्री दुर्गा पूजा कमेटी द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आकर्षिक पंडाल बनाया जा रहा है। यह पंडाल लगभग 30 फीट चौड़ा और लगभग 30 फीट ऊंचा होगा। प्रतिमाओं का निर्माण बंगाल के कालना के कारीगर मानिकपाल एवं उनके टीम द्वारा किया जा रहा है। प्रतिमा की लागत लगभग 32 हजार रुपये है. यहां करीब 73 वर्षों से बंग समाज के लोग बंगला रीति रिवाज से मां की पूजा करते आ रहे हैं. यहां पूजा सन 1951 से पूजा शुरू हुआ। दुर्गा पूजा शुरू कराने में बंगाली समुदाय के लोगों का अहम योगदान रहा है। यहां का प्रतिमा फुसरो शहर के लिए आकर्षक का केंद्र रहता है। पूजा को सफल बनाने में कमेटी के अध्यक्ष एचएस घोषाल, उपाध्यक्ष शिबू चक्रवर्ती, सचिव अनुग्रह नारायण सिंह, उपसचिव इंदु मुखर्जी, कोषाध्यक्ष सीतानाथ चक्रवर्ती, सदस्य पोरेश चक्रवर्ती, देवाशीष चक्रवर्ती, सूरज, सुजल, राज, करण, समीर, बिटटू, आकाश, तन्मय, गोलू, नानू, आशीष, जीत, लक्ष्मी प्रसाद आदि लगे हुए हैं।