रिपोर्ट : अविनाश कुमार
झारखंड विधानसभा चुनाव की उद्घोषणा से पहले ही राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों को लेकर मंथन करना शुरू कर चुके हैं। चर्चा है किस इसको लेकर नई दिल्ली में पार्टी की हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह तय हुआ है कि एनडीए गठबंधन में आजसू को नौ सीटें, जनता दल यू को दो सीट तथा लोजपा (राम विलास) को एक सीट आवंटित कर सकती है। सभी 28 आदिवासी बहुत सीटों पर आदिवासी उम्मीदवार ही उतारते का मन एनडीए गठबंधन ने बनाया है। बैठक में भाजपा के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित शिवराज सिंह चौहान चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा , झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ,अर्जुन मुंडा केंद्रीय मंत्री संजय सेठ, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ,सांसद दीपक प्रकाश, समीर उरांव, क्षेत्रीय संगठन मंत्री नागेंद्र त्रिपाठी, झारखंड बीजेपी प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई, झारखंड में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी तथा राज्यसभा सांसद आदित्य साहू भी मौजूद थें । बैठक में चुनावी रणनीति के साथ-साथ उम्मीदवारों को लेकर भी गहन मंथन की गई। इस दौरान कई बातें सामने आई हालांकि बैठक बेहद कॉन्फिडेंशियल रखा गया है। उम्मीदवारी किसको मिल रही है यह अभी तक पूर्ण रूप से खुलासा नहीं किया गया है। कुछ विधायक जिनका परफॉर्मेंस बेहतर रहा है उन्हें फिर से टिकट देने पर विचार विमर्श चल रहा है। यह भी चर्चा है कि विधानसभा चुनाव में कुछ नए चेहरे को भी उतर जा सकता है। लेकिन वह नए चेहरे कौन होंगे इसको अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। हालांकि यह कोशिश हो रही है कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में प्रत्याशी आदिवासी ही दी जाए। राज्य के 81 सीटों में 28 सीट आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की है। अब तक की स्थिति यही है की भाजपा की उम्मीदवारी सार्वजनिक होने पर गठबंधन के अन्य दल की प्रतिक्रिया क्या होती है उसे पर निर्भर करेगा की झारखंड विधानसभा चुनाव में गठबंधन अनवरत रह पाएगा या नहीं। जानकारों का अनुमान है कि अगर गठबंधन टूट गया तो एनडीए को घाटा होना तय है। लेकिन यह सब स्थिति अब तक केवल अनुमान के आधार पर बताई जा रही है।