रिपोर्ट : नासिफ खान
सतवास पंचायत सुरमान्य सरपंच ने और उसके पति द्वारा रची गई साजिस में तहसीलदार ने 15 सलो से एक मकान मे रह रही एक गरीब महीला अपने दो मासुम बच्चो के साथ गुजारा कर रही थी, तभी संतवास तहसीलदार ने उस मकान पे बिना नोटिस जारी कर मकान को जमी दोज कर दिया। फरयादी महिला पुष्पा नायक का कहना है कि जो नोटिस मुझे मिला वह किसी और के नाम.था, मगर गांव के सरपंच पति महेश ने मेरा मकान तुङवाया है। पीड़िता पुष्पा नायक का कहना है मेरे जिस मकान को तोङा गया, उस मकान के प्रमाण है मेरे पास, फिर भी उस मकान को तोङ दिया गया है। पुष्पा नायक का यह.भी कहना है। मकान तोङने के बाद मेरा कुुछ कीमती समान भी जब्त कर लिया गया है, जिसमे एक अलमारी है और उसमे कुछ किमती रखे आभुषण थे। जो वापस नही किए गए। सरकार गरीबो को मकान रहने के लिए दे रही है। गांव के सरपंच पति ने अपनी पत्नी के सरपंची पावर की आंङ मे एक गरीब महिला और उसके परिवार को बे घर करवा दिया सूत्र के अनुसार पताया गया की पिङित पुष्पा नायक इंदौर मे प्राइवेट मजदूरी कर अपने परिवार का घर गुजारा करती है और सरकारी भूमी पर प्रमाणित दस्तावेजो के अधार पर छोटा सा मकान बनाए 15 सालो से वहा रह रही थी। मगर गांव के कुछ भुखंडो ने अपना इमान गिरवी रख उसे गिरवा दिया और पुष्पा नायक को घर से बे घर करवा दिया यह माना जा रहा है की स्वयं सरपंच का मकान एवं आसपास की 5 एकड़ जमीन पर सरपंच ने भी कब्जा किया हुआ है। लेकिन शासन को सरपंच का घर नहीं देखाई दे रहा है या फिर इस सरपंच की आङ मे खेेल कोई और ही खेल रहा है। क्या जिम्मेदार अधीकारीयों को एक छोटा सा घर ही दिखाई दिया या फिर इसमे भी कोई दबंगो की चाल है।
अगर इसमें सरपंच पट्टू बाई उसके पति महेश केवल की चाल है तो बिल्कुल इनपे भी कार्यवाई होना चाहिए घर मे रखी अलमारी मे आभुषणो का हिसाब कौन देगा? इस मामले की कङी से कङी जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगो को जवाब देना होगा की आखिर असली गुनहगार कौन है।