रिपोर्ट : आकाश कुमार निराला
सीसीएल ढ़ोरी स्थित चपरी गेस्ट हाउस में मंगलवार को क्षेत्रीय द्विपक्षीय खान सुरक्षा समिति की बैठक हुई। इसमें क्षेत्र के सभी विभागाध्यक्ष, परियोजना पदाधिकारी, सेफ्टी पदाधिकारी, क्षेत्रीय सेफ्टी बोर्ड सदस्य उपस्थित हुए। बैठक का उद्घाटन जीएम रंजय सिंहा व सेफ्टी सदस्यों ने किया। बैठक मे यूनियन के सदस्यों ने सीसीएल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सुरक्षा समिति के द्वारा दिए गए सलाहों को हर बार दरकिनार कर दिया जाता है। जिस कारण खदान क्षेत्र में दुर्घटना का भय बना रहता है। कुल मिलाकर हर दृष्टिकोण से सीसीएल के सभी विभाग में सुरक्षा की कमी है। उसे जल्द से जल्द ठीक करने की कोशिश किया जाए। प्रक्षेत्र की महिला मजदूरों को भी जूता मिलना चाहिए, वे चप्पल पहनकर ड्यूटी कर रही हैं। वहीं हेलमेट के बिना ही मजदूर खदानों में काम कर रहे हैं। इसके अलावा खदानों में प्रॉपर बेंच की कमी से कामगार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनके बीच भय बना हुआ है। सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है, वह भी सही से काम नहीं कर रहा है। खदान क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में लाइट की सुविधा नहीं है। जगह-जगह शौचालय व शुद्ध पेयजल की कमी है। वहीं समुचित सुरक्षा नहीं होने के कारण कोयला चोरों का आतंक बना हुआ है। श्रमिक प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर बोलते हुए जीएम ने कहा कि सभी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर जल्द समाधान कर दिया जाएगा। कर्मियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए कोयला उत्पादन करने के लिए कंपनी प्रतिबद्ध है। कहा कि माइंस में प्रकृति के खिलाफ जोखिम भरा काम करते हैं। थोड़ी सी चूक के कारण दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है. इससे बचने के लिए सुरक्षा को ध्यान में रख कर ही काम करना चाहिए। सेफ्टी सदस्यों ने सुझाव रखते हुए कहा कि आउटसोर्सिंग एवं डिपार्टमेंटल मशीनों को माइंस में जाने से पहले चेकअप किया जाये। ढ़ोरी क्षेत्र से हो रही धड़ल्ले से कोयला चोरी रोकने के लिए सुरक्षा निकासी द्वार पर सुरक्षा बैरियर को दुरुस्त किया जाये। जीएम ने कहा कि माइंस में प्रकृति के खिलाफ जोखिम भरा काम करते हैं। थोड़ी सी चूक के कारण दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। इससे बचने के लिए सुरक्षा को ध्यान में रख कर ही काम करना चाहिए। सेफ्टी सदस्यों ने सुझाव रखते हुए कहा कि आउटसोर्सिंग एवं डिपार्टमेंटल मशीनों को माइंस में जाने से पहले चेकअप किया जाये। ढ़ोरी क्षेत्र से हो रही धड़ल्ले से कोयला चोरी रोकने के लिए सुरक्षा निकासी द्वार पर सुरक्षा बैरियर को दुरुस्त किया जाये। आउटसोर्सिंग कार्य में लगे वॉल्वो डंपर चालक, खलासी व अन्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाये। ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके। जीएम ने कहा कि माइंस में प्रकृति के खिलाफ जोखिम भरा काम करते हैं। थोड़ी सी चूक के कारण दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है. इससे बचने के लिए सुरक्षा को ध्यान में रख कर ही काम करना चाहिए। सेफ्टी सदस्यों ने सुझाव रखते हुए कहा कि आउटसोर्सिंग एवं डिपार्टमेंटल मशीनों को माइंस में जाने से पहले चेकअप किया जाये। ढ़ोरी क्षेत्र से हो रही धड़ल्ले से कोयला चोरी रोकने के लिए सुरक्षा निकासी द्वार पर सुरक्षा बैरियर को दुरुस्त किया जाये। आउटसोर्सिंग कार्य में लगे वॉल्वो डंपर चालक, खलासी व अन्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाये। ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके। जीएम ने इन सुझावों पर जल्द पहल का आश्वासन दिया। संचालन डिप्टी मैनेजर ज्ञानदीप ने किया। बैठक में एसडीओसीएम पीओ शैलेश प्रसाद, एएडीओसीएम पीओ राजीव कुमार सिंह, ढोरी खास पीओ रंजीत कुमार, क्षेत्रीय चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आर एन झा, एसओ एक्स यूके पासवान, एसओ सिक्योरिटी सीताराम यूके, खान मैनेजर मुनिनाथ सिंह तथा मृत्युंजय सिंह, सिविल विभाग से रामलखन कुमार, मैनेजर अभिषेक कुमार, अकबर आलम, मधुरंजन कुमार,आरके रवि, आलोक कुमार गुप्ता, पीई ए के दास, अखिल उज्जवल व एस सिंहा सहित कई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे. सेफ्टी सदस्यों में इनमोसा के एरिया सचिव पवन कुमार सिंह, जमसं के घीरज पाण्डेय, सीएमयू के राजू भूखिया, आरकेएमयू के महारुद्र सिंह, भामसं के हीरालाल रविदास, एजेकेएसएस के महेंद्र चौघरी, झाकोकायू के बैजनाथ महतो,एचएमकेपी के कैलाश ठाकुर, झाकोश्रयू के हरखलाल महतो,आउटसोर्सिंग के पिंटू सिंह,आदि मुख्य रूप से उपस्थित हुए।