रिपोर्ट : अविनाश कुमार
तेनुघाट महाविद्यालय तेनुघाट में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वाधान में मंगलवार को भारतीय संविधान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सुदामा तिवारी ने भारतीय संविधान के महत्व के बारे में विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि संविधान में भारत को संप्रभुता संपन्न लोकतंत्रात्मक धर्मनिरपेक्ष समाजवादी गणराज्य कहा गया है। कहा कि संविधान दिवस समारोह उन महापुरुषों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने भारत को उसका संविधान देने के लिए अथक प्रयास किए हैं। प्राचार्य ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत का संविधान औपचारिक रूप से 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था और तब से इस दिन को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को यह भी बताया कि भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। एनएसएस पदाधिकारी प्रोफेसर रावण मांझी ने कहा भारतीय संविधान लोकतंत्र के अस्तित्व और राष्ट्र की अखंडता के लिए महत्वपूर्ण है। कहा कि समाज की बेहतरी के लिए लोगों को संविधान के प्रावधानों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए, क्योंकि संविधान ने नागरिकों को अधिकार के साथ-साथ जिम्मेदारियां और कर्तव्य भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकों को अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए, जिससे उन्हें स्वतः ही अधिकार प्राप्त हो जाते हैं। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं को संविधान दिवस की शपथ भी दिलाई गई। मौके पर महाविद्यालय के प्रो0 श्रीकांत प्रसाद,प्रो0 महावीर यादव, प्रो0 कालीचरण महतो सहित महाविद्यालय के कई छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
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