रायबरेली के विकासखंड लालगंज की ग्राम सभाओ में सरकार ने भारी भरकम धनराशि खर्च कर ग्रामीणो को स्वच्छ भारत मिशन के तहत सामुदायिक शौचालयो की सौगात दी थी। लेकिन अधिकांश गांवो में आबादी के बाहर बने इन शौचालय में ताले लटक रहे हैं। इन शौचायलयों के रखरखाव व संचालन की जिम्मेदारी समूहो को दी गई थी। जिसको लेकर इन समूहो को प्रतिमाह 6000 रुपये मानदेय तथा तीन हजार रचपये रखरखाव व अन्य सामानों की खरीद को लेकर किया जा रहा है। प्रश्न यह है कि जब शौचालयो में ताले लटक रहे हैं और इनका प्रयोग ही नहीं हो रहा है, तो मानदेय व सामान खर्च के नाम पर सरकारी धन का भुगतान क्यो किया जा रहा है। इस बाबत खंड विकास अधिकारी गगनदीप सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं है। सामुदायिक शौचायलयों का निरीक्षण कराया जाएगा। यदि कहीं ताला लटक रहा है और समूह को भुगतान किया जा रहा है, तो इसकी जिम्मेदारी किसी दूसरे को देते हुए भुगतान किए गए धनराशि की रिकवरी कराई जाएगी।