76वें गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर दिल्ली के कर्तव्य पथ की परेड के दौरान एक ऐतिहासिक और भावुक पल देखने को मिला. जब इंडोनेशिया की सैन्य टुकड़ी ने शानदार तरीके से परेड प्रदर्शन किया. इस ऐतिहासिक पल को देखते हुए मोदी सरकार के सभी मंत्री और उपस्थित सभी लोग खड़े होकरके अभिवादन किया.
इंडोनेशिया की सैन्य टुकड़ी ने कि ऐतिहासिक प्रदर्शन:
76वें गणतंत्र दिवस के इस पवन घड़ी में इंडिया गेट के कर्तव्य पथ इंडोनेशिया की सैन्य टुकड़ी की ओर से एक ऐतिहासिक और भावुक पल देखने को मिला . उनके द्वारा प्रदर्शित कि गई अनुशासित और प्रभावशाली मार्चिंग ने न केवल जनता का दिल जीता है. बल्कि मोदी सरकार के उपस्थित सभी मंत्री अपनी-अपनी सीटों से खड़े होकर तालियां बजाने के लिए आतुर नजर आए ओर उपस्थित सभी मंत्रीयो के द्वारा टली बजा करके अभिवादन किया गया . यह कुछ पल परेड के सबसे अधिक शानदार क्षणों में से एक बन गया था . यह परेड सालों साल तक याद भी रखी जाए जी।

इतिहास में पहली बार देखने को मिला यह पल;
यह हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार था जब इंडोनेशिया की कोई सैन्य टुकड़ी ने भारत के गणतंत्र दिवस के दौरान परेड में भाग लिया है. इस परेड में इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बल (टीएनआई) के 152 कर्मी शामिल थे जो कि सेना, नौसेना और वायुसेना की शाखाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. इस महान ऐतिहासिक भागीदारी के कारण दोनों देशों के बीच ओर गहरे सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को दर्शाया हैं. साथ ही आने वाले समय में भारत और इंडोनेशिया के रिश्तों को और भी मजबूती प्रदान करेगा।

इंडोनेशियाई दल ने भिन्नेका तुंगगल इका’ की भावना का प्रदर्शन किया;
इंडोनेशियाई टुकड़ी की ओर से ‘भिन्नेका तुंगगल इका'(विविधता में एकता) के आदर्श को ही, अपने इस खास स्तुति के माध्यम से प्रस्तुत किया हैं. अनुशासन और एकता के इस मनमोहक प्रदर्शन ने दर्शकों को पूर्ण रूप से मंत्रमुग्ध कर दिया . इंडोनेशियाई टुकड़ी के हर कदम और तालमेल से, उपस्थित सभी दर्शको को रोमांचित कर दिया. यह तो साफ तौर देखा जा रहा था कि उन्होंने इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के लिए कितनी ज्यादा कड़ी मेहनत की थी.
सरकार के मंत्रियों ने दिया खास तरीके से सम्मान
जब इंडोनेशियाई प्रमुख दल ने कर्तव्य पथ पर ऐतिहासिक मार्च पूरी की तो मोदी सरकार के सभी मंत्री गढ़ अपनी – अपनी सीटों से खड़े हो कर तालियां बजाकर उनका सम्मान किया. यह ऐतिहासिक पल न केवल हिंदुस्तान और इंडोनेशिया के बेहद मजबूत संबंधों का प्रतीक था बल्कि यह भी दर्शाता है कि गणतंत्र दिवस परेड कैसे विविधता और वैश्विक सहयोग का मंच बन रहा है.
मुख्य अतिथि का रहा विशेष योगदान
गणतंत्र दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो जी भी अपनी मौजूद रहे. वह परंपरागत तरीके से बग्गी में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ कर्तव्य पथ पर दस्तक दी. यह हिंदुस्तान के वासियों के लिए गौरव का क्षण था. इस लिए क्यों कि प्रबोवो सुबियांतो चौथे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति हैं. जिन्होंने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत की हैं. इससे पूर्व 1950 में इंडोनेशिया के प्रथम राष्ट्रपति सुकर्णो ने भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की थी.
दुनियां ने देखी भारत-इंडोनेशिया संबंधों की झलक
गणतंत्र दिवस की ऐतिहासिक परेड ने भारत और इंडोनेशिया के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने का काम किया है. दोनों राष्ट्रों के बीच साझा मूल्य के साथ-साथ आदान-प्रदान के प्रतीक के रूप में यह भागीदारी साबित करती है. हलकी कूटनीतिक संबंधों को भी मजबूत करती है बल्कि वैश्विक मंच पर विविधता और साझेदारी का संदेश भी सारे विश्व को देती है.