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LUCC सोसायटी नामक चिट फंड कंपनी ने 22 हजार ग्राहकों के करीब 50 करोड़ रुपये लेकर हुई फरार

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रिपोर्ट : शिवा मौर्या

रायबरेली के कलेक्ट्रेट परिसर में डीएम ऑफिश के सामने शनिवार को सैकड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई की जमापूंजी को जमा करके एक सोसायटी द्वारा करोड़ों रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। आज जिलाधिकारी कार्यालय पर हाथ में बैनर लेकर पहुंचे पीड़ितों ने प्रदर्शन किया। एल यू सी सी सोसाइटी में कई योजनाओं के तहत जमाकर्ताओं द्वारा करोड रुपए जमा किए थे। जनपद के लगभग 20 से 22 हजार से अधिक लोग इस सोसायटी का शिकार हुए हैं। जिनसे 50 करोड रुपए की ठगी हुई है। ‘ ठगी पीड़ितों की आवाज ‘ बैनर तले यह प्रदर्शन किया गया है। जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर जमा की गई राशि भुगतान कराई जाने की मांग की गई है।

दरअसल कलेक्ट्रेट परिसर में शनिवार की दोपहर को जिलाधिकारी दफ्तर के सामने एक बैनर तले सोसायटी में काम करने वाली सलोन निवासी बिमला ने बताया कि हम रोजी-रोटी के तलाश में एल यू सी सी सोसायटी में काम करने लगे। 2018 में उन्होंने काम करना शुरू किया। यह सोसाइटी 2016 से चल रही थी। मैंने अपने कोड से 70 लाख रुपए सोसाइटी में जमा करवाए थे। सोसायटी ने जनपद से लगभग 50 करोड रुपए का निवेश करवाया है। अचानक 28 नवंबर 2024 को यह सोसायटी ऊपर से ब्लॉक कर दी गई। धीरे-धीरे देखा गया कि जितने भी सुविधा केंद्र व अन्य जनपदों के जो ऑफिस थे वहाँ ताला लग गया। अपर कार्यकर्ता भी गायब हो गए। जब हम लोगों ने आवाज उठाई तो कुछ लोग पकड़े गए। हम लोगों की मांग है कि जितना भी पब्लिक का पैसा जमा किया है ब्याज सहित दिलाया जाए। ताकि हम लोगों को राहत मिल सके।

वही एक अन्य वकार्यकर्ता बृजेश कुमार ने बताया कि नवंबर से एल यू सी सी का जो सिस्टम था वह बंद हो गया है। जिसके कारण लेनदेन करने में सुविधा हो रही है। लोगों को सुविधा नहीं मिल रही हैं। सोसायटी द्वारा जितनी भी योजना थी वह सब यहां मिल रही थी। अब स्थिति है कि जिन लोगों की मैच्योरिटी पूरे होने वाली है वह पैसा मांग रहे हैं। लेकिन सोसायटी के द्वारा यह भुगतान नहीं किया जा रहा है। हम शासन मांग करते हैं कि इनका भुगतान हो। उन्होंने बताया कि रायबरेली के हर ब्लॉक पर यहां सुविधा केंद्र खुले हुए थे। लगभग 600 से अधिक कार्यकर्ता इसमें काम करते थे। लगभग 8 से 9 सालों में लगभग 20 से 22000 लोग पैसा जमा कर चुके हैं। जोकि 50 करोड़ से अधिक है। अब इनके एटीएम भी ब्लॉक हो गए हैं। लेनदेन नहीं हो रही है । जो भी नियम है उसके तहत सभी लोगों का पैसा वापस दिलाया जाए ताकि हम लोगों को जो दिक्कत हो रहे हैं उस से निजात मिल सके। हम कार्यकर्ता हैं। हमारे निवेदक हमसे पैसा मांग रहे हैं। रायबरेली में लगातार चिटफंड कंपनियां ग्राहकों को चूना लगा रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन बिना वेरिफिकेशन के लोगों को यहां शरण दे रहा है।

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