रायबरेली
रिपोर्ट : शिवा मौर्य
रायबरेली में पुलिस अधीक्षक की स्वच्छ और निष्पक्ष कार्यशैली को यहां थानों में तैनात पुलिसकर्मी बट्टा लगा रहे हैं।पुलिस विभाग ही पुलिस विभाग का दुश्मन बन बैठा है। शाजिस का शिकार हुए दरोगा को सूचना पर पहुंची एंटी करप्शन की टीम ने ₹10000 की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। और आगे की कार्रवाई में जुट गई है। दरअसल यहां सलोन कोतवाली में तैनात उपनिरीक्षक बाबू खां को एंटी करप्शन टीम ने दस हजार रुपये की घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। एंटी करप्शन द्वारा दरोगा को पकड़ने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। विवेचना के नाम पर पैसा लेने व वादी के गांव पहुँचे दरोगा को लखनऊ जोन की एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए दरोगा का आरोप है।कि वह साजिश का शिकार हुआ है।
मामला सलोन कोतवाली क्षेत्र के ख़्वाजापुर गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया जब वादी के घर दस हजार रुपये की घूस लेने पहुंचे दरोगा बाबू खां को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों दबोच लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दरोगा द्वारा किसी मारपीट के मामले की विवेचना की जा रही थी। जिसमें बीती 20 मार्च को फाइनल रिपोर्ट भी लग चुकी है। लेकिन उसके बाद भी बृहस्पतिवार की दोपहर दरोगा घूस लेने वादी के गांव पहुंच गया,पूरे प्लानिंग के तहत घात लगाए बैठी एंटी करप्शन टीम ने दरोगा को दस हजार की घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। एंटी करप्शन टीम द्वारा दरोगा को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप का माहौल मच गया है। क्षेत्राधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया एंटी करप्शन टीम द्वारा घूस लेते हुए दरोगा को गिरफ्तार किया गया है। आगे की कार्रवाई प्रचलित है। स्थानीय लोगों की माने तो यहां थाने में तैनात होमगार्ड के थाने की विभिन्न प्रकार की वसूली करता है।जो भी दरोगा सिपाही, या क्षेत्र में अन्य काम करने वाले लोग इसके अनुसार पैसा नहीं देते हैं उसे पर यह कार्रवाई करवा देता है। यह वही होमगार्ड है जिसको पूर्व में सीईओ विनीत सिंह द्वारा मुकदमा दर्ज कर न्यायिक अभीरक्षा में भेजा गया था। अब इस मामले में पुलिस अधीक्षक का क्या रवैया है यह तो जांच के बाद पता चलेगा