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अमावां में एम्स रायबरेली की टीम ने किया टीबी जागरूकता व शोध सर्वेक्षण

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सोमवार को भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीपीसी) के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमावा क्षेत्र में टीबी रोग के प्रति जन-जागरूकता का अभियान निरंतर जारी है। इसी कड़ी में ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (एम्स) रायबरेली की टीम ने क्षेत्र के विभिन्न गांवों – सोथी, बावन बल्ला बुजुर्ग, हरदासपुर, बुधनपुर, बंदीपुर, सिधौना आदि गांव में जाकर टीबी जागरूकता और अनुसंधान सर्वेक्षण किया। टीम की प्रमुख शोधकर्ता डॉ. हिमांशी शर्मा, तथा उनके साथ डॉ. आदर्श पांडेय (इंटर्न) और डॉ. अभिनव कटारिया (इंटर्न) ने ग्रामीणों को टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी ) की जानकारी दी और इसके महत्व को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि यह दवा उन व्यक्तियों को दी जाती है, जो टीबी मरीजों के संपर्क में रहते हैं,जिससे संक्रमण को रोका जा सके। समझने का प्रमुख कारण यह भी रहा है आम जनमानस में जागरूकता बढ़ और इस बीमारी से लोगों को बचाया जा सके।इस अभियान को सफल बनाने में वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक करुणा शंकर मिश्र ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने गांव-गांव भ्रमण कर टीम का मार्गदर्शन किया और टीबी मरीजों के संपर्क में रह रहे लोगों को जागरूक करने में सराहनीय योगदान दिया।

वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक करुणा शंकर मिश्रा ने ग्रामीणों को समय पर जांच कराने, लक्षणों को नजरअंदाज न करने और सरकार द्वारा दी जा रही मुफ्त जांच व इलाज की सुविधाओं का लाभ उठाने की सलाह दी।ग्रामीणों ने भी इस अभियान का स्वागत किया और कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस मौके पर कम्युनिटी हेल्थ अफसर हर्षित जैन, अनीता, अंजली वर्मा दिव्यांशु वर्मा रामबली आदि मौजूद रहे।

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