रायबरेली : सरेनी विकासखंड में तैनात एक ग्राम विकास अधिकारी की कार्यशैली पर लोगों ने सवालिया निशान खड़े किए है। जिसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से कर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है। ब्लॉक क्षेत्र के ग्रामसभा धनपालपुर में मनरेगा की योजनाओं में लापरवाही और फर्जी रिपोर्टिंग का मामला सामने आया है। जिसको लेकर ग्राम निवासी नितिन शुक्ला ने जनसुनवाई पोर्टल पर गांव के चकरोट (कच्चे रास्ते के किनारे बनी जल निकासी व्यवस्था) की सफाई न होने की शिकायत की थी। शिकायत के अनुसार, लगभग पांच वर्षों से इस चकरोट की सफाई नहीं हुई, जिससे बरसात के दिनों में पानी भराव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। शिकायत के बावजूद ग्राम शिकायतकर्ता का आरोप है कि सचिव सतेन्द्र मिश्रा द्वारा मौके का निरीक्षण किए बिना ही, फर्जी आख्या लगाकर रिपोर्ट शासन को भेज दी गई न शिकायतकर्ता से संपर्क किया गया और न ही चकरोट की जमीनी स्थिति का जायजा लिया गया। इससे जनसुनवाई व्यवस्था की कार्यप्रणाली और जिम्मेदार अधिकारियों की नीयत पर सवाल खड़े हो गए हैं।
शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश हैं कि मनरेगा के अंतर्गत चलने वाले कोई भी कार्य किसी भी दशा में अनावश्यक रूप से स्थगित नहीं किए जाने चाहिए। इसके बावजूद ग्राम सचिव द्वारा वर्षों से कार्य रोककर रखे गए हैं और जब कोई शिकायत करता है, तो उसे गंभीरता से न लेकर खानापूरी की जाती है। शिकायतकर्ता नितिन शुक्ला ने जिला प्रशासन से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए और गांव में जल्द से जल्द चकरोट की सफाई कराई जाए ताकि ग्रामीणों को बारिश के मौसम में राहत मिल सके। इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी सरेनी से बात करने की कोशिश की गई, तो उनका फोन नंबर कवरेज क्षेत्र से बाहर बता रहा था।