रायबरेली : एक तरफ उत्तर प्रदेश में स्कूल के मर्जर को लेकर योगी सरकार के फैसले के खिलाफ हाहाकार मचा हुआ है। जिस पर विभिन्न राजनीतिक संगठन शिक्षक संघ राजनीतिक पार्टिया, लगातार सरकार को सवालों के कटघरे में स्कूल के मर्ज किए जाने पर सवाल खड़े कर रही है। वहीं दूसरी ओर सदर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव में प्राथमिक विद्यालय को मनमाने ढंग से जर्जर बिल्डिंग दिखाकर बंद कर दिया गया। जिसको लेकर ग्रामीणों ने प्रिंसिपल पर मनमानी का आरोप लगाया है और उच्च अधिकारियों से मामले की जांचकर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
गौरतलब है कि, जहां एक तरफ सरकार स्कूलों को मर्ज कर रही है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों का भविष्य अंधकार में होने की आशंका जताई जा रही है। वही ब्लॉक क्षेत्र राही के ग्राम पंचायत सराय मुगला में बना एक मात्र प्राथमिक विद्यालय को प्रधानाध्यापक आराधना पाल द्वारा, ग्राम प्रधान और ग्रामीणों से बिना कोई वार्ता किया ही विद्यालय को बंद करने के लिए जर्जर दिखाकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर बंद कर दिया गया। जिसमें पढ़ने वाले बच्चों को अब इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। आंकड़ों की माने तो 60 से 70 बच्चे इस प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा दीक्षा ले रहे हैं।हालांकि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि। प्रधानाध्यापक की मनमानी ग्रामीण बच्चों पर भारी पड़ रही है। ग्रामीण में महेश कुमार, दिनेश कुमार, डॉ इब्राहिम, मो जुबेर, मोहम्मद इरशाद, मोहम्मद निजामुद्दीन आदि ने बताया कि विद्यालय अगर बंद हो गया, तो यहां के पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकार में हो जाएगा क्योंकि दूसरा विद्यालय गांव से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है। जहां पर आने जाने की उचित कोई व्यवस्था नहीं है और प्रधानाध्यापक के निर्णय के खिलाफ ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर स्कूल बंद हुआ तो प्रधानाध्यापक के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि यहां पर प्रिंसिपल कभी भी अपने समय पर नहीं आती हैं और जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है। इस संबंध में जब खंड शिक्षा अधिकारी बृजलाल वर्मा से फोन पर बात की गई, तो उन्होंने बताया कि सरायं मुगला प्राथमिक विद्यालय का एक पत्र आया है। जिसमें विद्यालय को जर्जर बताया गया है। नए विद्यालय के लिए जमीन की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि यह विद्यालय यहीं पर नया बनेगा या कहीं और ग्राम प्रधान की माने तो विद्यालय को यहीं पर बनवाया जाएगा। अगर कहीं कोई समस्या आती है, तो विभागीय अधिकारियों से वार्ता कर समस्या का निदान किया जाएगा।