वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ. विक्रम सिंह ने सफलतापूर्वक सर्जरी कर हॉस्पिटल को न्यूरोसर्जिकल देखभाल के क्षेत्र में बनाया अग्रणी
भगवान महावीर मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल (मणिपाल हॉस्पिटल्स नेटवर्क का हिस्सा) ने रांची, झारखंड में मस्तिष्क एन्यूरिज्म (मस्तिष्क धमनीविस्फार) के उपचार के लिए सबसे विशिष्ट और समग्र केंद्र बनकर न्यूरोसाइंसेस में क्रांति ला दी है। मस्तिष्क एन्यूरिज्म— ये एक संभावित जानलेवा स्थिति के उपचार में विशेषज्ञता दिखाते हुए, यह सर्जरी हॉस्पिटल के वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ. विक्रम सिंह द्वारा सफलतापूर्वक की गई। इस उपलब्धि ने हॉस्पिटल को पूर्वी भारत में न्यूरोसर्जिकल देखभाल के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है। हॉस्पिटल ने हाल ही में एक 45 वर्षीय महिला की जान बचाई, जो झारखंड के एक दूरस्थ क्षेत्र से आई थीं और मस्तिष्क एन्यूरिज्म की गंभीर स्थिति में भर्ती हुई थीं। यह स्थिति मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं के फटने से होती है, जिससे मस्तिष्क में रक्तस्राव शुरू हो जाता है। जब मरीज हॉस्पिटल पहुंचीं, तब वह बेहोश थीं और उनकी जान बचने की संभावना मात्र 30-40% थी—मृत्यु का जोखिम 60–70% से अधिक था। उन्हें बचाने का एकमात्र रास्ता था तुरन्त सर्जरी। रात में ही डॉ. विक्रम सिंह ने ऑपरेशन किया। सर्जरी के दौरान, मस्तिष्क पर दबाव कम करने के लिए खोपड़ी का एक हिस्सा हटाया गया और फटी हुई रक्त वाहिका को क्लिपिंग तकनीक से बंद किया गया। सर्जरी के बाद मरीज को 12 दिन तक वेंटिलेटर सपोर्ट में रखा गया और तीन सप्ताह तक अस्पताल में निगरानी में रखा गया, जिसमें ट्रेकियोस्टॉमी और ACA सिंड्रोम का इलाज एटोमॉक्सेटीन दवा से किया गया। मरीज की रिकवरी उल्लेखनीय रही—डिस्चार्ज के समय वह होश में थीं, कमांड्स पर प्रतिक्रिया दे रही थीं और शरीर के बाएं हिस्से की लकवे में सुधार के संकेत दिखने लगे थे।

डॉ. विक्रम सिंह, सीनियर कंसल्टेंट – न्यूरोसर्जरी, भगवान महावीर मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने कहा, “यह मामला मेरे करियर के सबसे चुनौतीपूर्ण लेकिन प्रेरणादायक मामलों में से एक था। मरीज की हालत बेहद नाजुक थी और हमें तुरन्त सर्जरी करनी पड़ी। ऐसे मामलों में ऐतिहासिक रूप से रिकवरी की संभावना बेहद कम होती है। इस महिला का होश में आना और न्यूरोलॉजिकल रिकवरी की शुरुआत होना एक चमत्कार से कम नहीं है। सबसे अहम बात यह है कि झारखंड जैसे क्षेत्र में अब इतने उन्नत स्तर की एन्यूरिज्म सर्जरी उपलब्ध है। यह इस राज्य में न्यूरोकेयर के लिए एक नया मानक स्थापित करता है। डॉ. विजय कुमार मिश्रा, मेडिकल डायरेक्टर, भगवान महावीर मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल (मणिपाल हॉस्पिटल्स नेटवर्क का हिस्सा) ने कहा, “इस केस की सफलता दिखाती है कि समय पर हस्तक्षेप और विशेषज्ञ देखभाल से कितनी जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। हम गर्व से कह सकते हैं कि हमारा हॉस्पिटल झारखंड में मस्तिष्क एन्यूरिज्म उपचार के लिए एक समर्पित और अत्याधुनिक केंद्र बन चुका है। यह हमारी आपातकालीन न्यूरोसर्जरी की क्षमताओं को दर्शाता है, जो राज्य के हर कोने से लोगों को जीवनरक्षक इलाज सुलभ बना रहा है।