नगर पंचायत परसदेपुर के महावीरन टोला स्थित ऐतिहासिक खंडेश्वर मंदिर का भव्य जीर्णोद्धार कर शिवलिंग की पुनः स्थापना की गई। वर्षों पुराना यह मंदिर अब दोबारा श्रद्धा, आस्था और सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बन गया है। नगरवासी श्यामबहादुर सरोज के अनुसार यह मंदिर इतना प्राचीन है कि उनके पूर्वजों की तीन पीढ़ियाँ भी इसकी स्थापना की जानकारी नहीं रखतीं। कुछ लोगों का मानना है कि यह भूमि कभी पाल समाज की रही होगी और संभवतः मंदिर भी उन्होंने बनवाया था, जबकि कुछ इसे बंजारों द्वारा निर्मित मानते हैं। समय के साथ मंदिर की दीवारें जर्जर हो चुकी थीं। नगरवासियों ने मिलकर इसके जीर्णोद्धार की जिम्मेदारी उठाई और सामूहिक सहयोग से मंदिर को नया जीवन दिया। शिवलिंग की पुनः स्थापना के साथ यह स्थल अब पुनः आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है। पूजन कार्यक्रम कथा व्यास धर्मेश हरि जी महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ। मुख्य यजमान आशीष सरोज धर्म पत्नी के साथ विधिवत पूजन-पाठ, नगर भ्रमण और मूर्ति स्थापना कराई।
मंदिर से जुड़ी रहस्यमयी कथा
बैजनाथ सरोज ने बताया कि इस मंदिर को लेकर कई धार्मिक किंवदंतियाँ हैं। बुजुर्गों के अनुसार, हनुमान मंदिर से एक सर्प प्रतिदिन रात्रि में खंडेश्वर मंदिर दर्शन को आता था। उन्होंने स्वयं यह दृश्य देखा था। शोर मचाने पर देवी दीन सरोज डंडा लेकर पहुंचे, लेकिन सर्प पर कोई असर नहीं हुआ। दो घंटे तक देवी दिन की आंखों में अंधकार छाया रहा और मंदिर में सर्प के प्रवेश के बाद ही उजाला लौटा। यह घटना आज भी लोगों की आस्था का विषय बनी हुई है।
शिव बारात बनी आस्था की मिसाल
शिवलिंग स्थापना के उपलक्ष्य में नगर में शिव बारात निकाली गई, जो महावीरन मोहल्ला से प्रारंभ होकर माता मेढ़ुरिन देवी मंदिर, मेन चौराहा, कटरा बाजार, शुक्लाना मोहल्ला, साकेत नगर होते हुए पुनः खंडेश्वर मंदिर पहुंची। इस आयोजन में सभासद संदीप मोदनवाल, मोहनलाल सरोज, गोविंद सरोज सहित कई लोगों का विशेष योगदान रहा। नगर वासी के साथ अधिशाषी अधिकारी निमिषा भारद्वाज अध्यक्ष विनोद कौशल ने भी कार्यक्रम में भागीदारी की। सुरक्षा की दृष्टि से उप निरीक्षक मोहित कुमार शर्मा व कृष्ण चंद्र के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात रहा। खंडेश्वर मंदिर का पुनरुद्धार नगरवासियों की एकता, श्रद्धा और सांस्कृतिक समर्पण का प्रतीक बन गया है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।