केन्दुआ : बीसीसीएल गोपालीचक कोलियरी में संचालित एसटीजी एवं सिंह नेचुरल उत्खनन आउटसोर्सिंग के फैलते प्रदुषण से करकेन्द, केंदुआ के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे है।देश की ऊर्जा को पूरी करने के लिए कोयला की उत्खनन जरूरी है पर मानव स्वास्थ्य के लिए पर्यावरण को बचाना भी उतना ही जरुरी है, लेकिन बीसीसीएल और आउटसोर्सिंग प्रबंधन अधिक कमाई करने के लिए सभी मापदण्ड को नजरअंदाज कर लाखों हरे भरे वृक्ष काटकर कोयला की अनधाधुंन उत्खनन कर रही है। जिससे क्षेत्र में काफी प्रदुषण फ़ैल रही है। लोग गम्भीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे है। समय रहते इसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही की गई तो आनेवाले समय में जन्म लेने वाले इस क्षेत्र के बच्चे अपंगता का शिकार भी हो सकते है। जिसको लेकर प्रबंधन को ग्रमीणों के प्रति तनिक भी चिंता नही दिख रही है।इस सदर्भ में लोगों द्वारा झारखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी सूचित की जा चुकी है पर वह भी पूरी तरह से पंगु हो गई है। इसमें मुख्य रूप से बीसीसीएल एवं आउटसोर्सिंग प्रबंधन दोषी है।