नहीं हो सका जल सहिया का चुनाव, दो वर्षों से बीना जल सहिया के चल रहा हैं घर घर नल जल योजना
कनेक्शन लेने वाले लाभूक खासे परेशान, मासिक शुल्क कहा जमा करे समझ से परे
बेरमो : बेरमो प्रखंड के जारंगडीह उतरी पंचायत सचिवालय में सोमवार को पंचायत की मुखिया फिरोज खातुन की अध्यक्षता में जल सहिया की चुनाव को लेकर आम सभा बुलाई गई थी। जिसमे चुनाव आॅबजरबर के रुप में कर्मचारी भुनेश्वर तुरी व दिलीप गंझू मुख्य रूप से उपस्थित थे। मगर घंटो चले इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर विवाद हो गया जो देखते देखते नोक झोंक और हो हल्ला मे तब्दील हो गया और बीना चुनाव सम्पन्न हुए ही सभा को स्थगित करना पड़ा।
क्या है पुरा मामला : दरअसल पिछले लगभग दो वर्षों से इस पंचायत मे जल सहिया के पद रिक्त होने के कारण घर घर नल जल योजना को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनके समझ में यह नही आ रहा है कि वे अपने मासिक शुल्क किसके पास और कहा जमा करे साथ ही उन पर लगातार मासिक शुल्क का भार भी बढ़ता जा रहा है। इसी को लेकर उक्त पंचायत के पूर्व वार्ड सदस्य ललीत रजक द्वारा बेरमो प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन भेज कर पंचायत मे जल्द से जल्द जल सहिया का चुनाव करवाने का निवेदन किया था। इसी के आलोक में आज यह आम सभा बुलाई गई थी जो हंगामे की भेंट चढ़ गई।

क्यो हुआ आम सभा के दौरान हंगामा : इस आम सभा के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार जल सहिया के लिए कुल छह आवेदन दिए गए थे। इस चुनाव सबसे प्राथमिकता एसटी /एससी को दिया जाना तय था जिस कारण पहले ही निरस्त हो गया जिसके बाद दो एससी /एसटी उम्मीदवार ही मैदान में बचे मगर उसमे भी एक के पास जाति प्रमाण पत्र नही था जिस कारण उनका भी आवेदन भी अमान्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद ही आम सभा में मौजूद पंचायत के लोगो और जल सहिया के उम्मीदवारों ने यह कह कर हंगामा शुरू कर दिया कि मुखिया द्वारा उन लोगो को इस बात की जानकारी नही दी गई थी कि आवेदन के साथ जाति प्रमाण पत्र भी जमा करना अनिवार्य है। जबकि मुखिया फिरोज खातुन का कहना है कि इस बात की जानकारी पंचायत मे पंचायत प्रतिनिधियों के चलने वाले वाटशाप गुरुप मे शेयर करने के साथ-साथ पंचायत भवन में लिखित सूचना व जानकारी चिपकाया गया है। कुल मिलाकर इस आम सभा में पंचायत प्रतिनिधियों व स्थानीय लोगों के भारी विरोध के कारण चुनाव सम्पन्न नही हो सका और एक बार फिर पंचायत मे जल सहिया की नियुक्ति नही हो सकी। दुसरे शब्दों में कहें तो यहां पंचायत प्रतिनिधियों के बीच आपसी गुटबाजी साफ दिखाई देता है जिस कर इस तरह के आम सभा सफल नहीं हो पाती है भलें पंचायत वासियों को कितना भी परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा हो।