बेरमो : राँची स्थित दरभंगा हॉउस में सीसीएल के निदेशक कार्मिक हर्षनाथ मिश्र की अध्यक्षता में सोमवार को विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति के नेताओं और सीसीएल प्रबंधन की उच्चस्तरीय वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई। पिछरी कोलियरी को खोलने के निमित्त कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनी। वार्ता में नवनीत कुमार निदेशक पीएण्डआईआर ,सिद्धार्थ शंकरलाल ,विभागाध्यक्ष ,सीएसआर ,राजीव कुमार शर्मा ,मुख्य प्रबंधक ,कार्मिक ,संजय सिन्हा ,मुख्य प्रबंधक कार्मिक ,एसके झा ,जीएम भू राजस्व ,नवनीत झा ,मुख्य प्रबंधक ,माइनिंग एलएण्डआर ,समेत कथारा ,बीएंडके एवं ढोरी एरिया के एसओपी एवं रेभेन्यु ऑफिसर्स शामिल थे जबकि विस्थापितों की और से समिति के अध्यक्ष लखनलाल महतो, महासचिव काशीनाथ केवट ,कार्यकारी अध्यक्ष काशीनाथ सिंह, बिनोद महतो महासचिव काशीनाथ केवट, जानकी महतो ,धनेश्वर महतो ,विश्वनाथ महतो मुखिया ,डॉ दशरथ महतो ,गोपाल मल्लाह ,काली सिंह ,मंजूर आलम ,जहाँगीर , दिलचंद महतो, निर्मल चौधरी, सरयू मल्लाह ,मनोज सिंह आदि शामिल थे। निर्णय हुआ कि अधिग्रहीत जमीन की दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए पहल कर राज्य सरकार के संबधितअधिकारियों से जल्द समाधान निकाला जाएगा। तदुपरांत रैयतों को नौकरी, मुआवजा की प्रक्रिया आरंभ किया जाएगा। पिछरी कोलियरी से 5 साल में उपयोग किये जानेवाली जमीन का नौकरी शुरुआती समय में ही दे दिया जाएगा। जरगडीह कोलियरी में प्रबंधन ने आदिवासियों की जमीन पर कोयला निकालने और ओबी डंप कर उनकी जमीन को सत्यानाश कर देने का मामला उठाते नेताओं ने कहा कि जमीन के रैयतों को न तो मुआवजा दिया गया और ना ही नौकरी। भेड़ बकरियों जैसा उन्हें उनके घरों और जमीन से खदेड़ दिया गया। क्षेत्रीय प्रबंधन को पूरा डेटा संग्रह करने और इसपर नेताओं से मिलकर जांच करने का निर्देश दिया गया। श्याम नारायण ,लोधरबेडा की नौकरी का मामला उठाते हुए नेताओं ने कहा कि जमीन संबंधी सारी अहर्ता को पूरा करने के बाद भी क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा वर्षों से इन्हें टहलाया जा रहा है। इस मामले को गंभीरता पुर्वक समाधान करने का निर्णय हुआ। इसी प्रकार डीआरएण्डआरडी प्रोजेक्ट से विरेन्द्र सिंह समेत सोलह विस्थापितों विस्थापितों द्वारा 1996 में इंटरव्यू देने के बावजूद उन्हें नौकरी नहीं दिये जाने का मामला नेताओं ने उठाया ,इसपर डायरेक्टर पर्सनल ने कहा कि सभी तरफ से लापरवाही हुई है अन्यथा इन अभियर्थियो को 1996 में ही नौकरी मिल जाना चाहिए था। क्षेत्रीय प्रबंधन को इस मामले में रिपोर्ट भेजने को कहा गया। डीआरएंड आरडी परियोजना के विस्थापितों का बकाया नौकरी एवं मुआवजा देने की मांग की गई।. इसपर प्रबंधन ने कहा कि डीआरएंड आरडी परियोजना खोलने या डीनोटीफाइड करने का मामला कोयला मंत्रालय के अधीन है ,जैसे ही आदेश आयेगा उसपर अमल किया जाएगा। नेताओं ने विस्थापितों की परेशानियों को उठाते हुए कहा कि डीनोटिफाई होने की स्थिति में क्षतिपूर्ति के साथ किसानों की जमीन पूर्व की स्तिथि बनाकर वापस करना होगा। एक करोड़ तक कां ठेका विस्थापितों प्रभावितों को देने के आदेश को लागू करने और बेरोजगारों को वैकल्पिक रोजगार देने की माँग नेताओं ने उठाई। इस सवाल पर पेप कार्ड बनाकर सहयोग समितियॉ को ठेका देने कां निर्देश अधिकारियों को दिया गया। अंत में डायरेक्टर पर्सनल समेत प्रबंधन ने कल से होनेवाले सीसीएल के तीनों एरिया का बेमियादी चक्काजाम आंदोलन वापस लेने का आग्रह किया। जिसपर समिति के नेताओं ने स्थगित करने का घोषणा किया।