2024 की लोकतंत्र बचाओ 2 दिवसीय यात्रा मंगलवार को गिरिडीह लोकसभा अन्तर्गत गोमिया विधान सभा क्षेत्र के ललपनिया के बिरसा मुंडा चौक शुरू हुई। यहां यात्रा की पहली ग्राम संवाद सभा खीराबेड़ा गाँव में हुई। इस गाँव में कुछ युवाओं ने सरकार की रोजगार देने में असफलता पर भी नाराजगी जाहिर की। इसके बाद यह यात्रा फुटकाडीह, पुन्नू, महुआटांड़, हरिदगढ़ा, धवैया, कांडेर, बरैया, चगडी, खखंडा, लावालौंग, तिलैया, डाकासाडाम, मुरपा चोरगांवा, अम्बाडीह आदि गाँवोंं से पर्चा वितरण करते हुए और जनसभाओं का आयोजन करते हुए गुजरी। इस यात्रा में दिनेश मुर्मु, सुखराम हांसदा, शिवचरण मुर्मु, सुशील मांझी, हीरालाल टुडु, चन्द्रदेव हेम्ब्रम, प्रवीर पीटर, मंथन, टोनी के अलावा और कई लोग शामिल रहे। वक्ताओं ने केन्द्र मोदी सरकार के दस साल के शासन की तीखी आलोचना की। कहा भाजपा हराओ, मोदी हटाओ का स्पष्ट आह्वान था। मोदी सरकार को अबतक का सबसे भ्रष्ट और फिजूलखर्च सरकार करार दिया गया। इलेक्शन बांड, पीएम केयर फंड सरकारी व्यावसायिक संस्थानों का अडाणी -अंबानी के हाथों केन्द्रित निजीकरण, सारे दलों के आरोपी भ्रष्ट नेताओं का भाजपा में स्वागत और संरक्षण को इस भ्रष्टाचार का अकाट्य प्रमाण बताया गया। हर व्यक्ति को 15-15 लाख का वादा, हर साल दो करोड़ रोजगार देने के एलान का हवाला देते हुए वक्ताओं ने कहाकि मोदी सरकार झूठ और धोखे की सरकार है। इस 10 साल में वास्तविक मजदूरी नहीं बढ़ी। नरेगा, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि में बजट का हिस्सा घटी है। मोदी सरकार बेशर्मी से एक ओर जनकल्याणकारी योजनाओं को रेवड़ी कह विरोध करती है। दूसरी ओर 80 करोड़ लोगों को 5 किलो चावल देने और वृद्धों को पेंशन देने का झूठा यश भी लेती है। 5 किलो अनाज का प्रावधान काँग्रेसी मनमोहन सरकार के खाद्य सुरक्षा कानून की देन है और झारखंड में मिल रहे 1000 रुपये के वृद्ध पेंशन में 800 झारखंड सरकार देती है। उसमें भी 10 वर्ष में न तो राशि और न ही लाभार्थी संख्या बढ़ायी है। मोदी सरकार अमीरों, पूंजीपतियों और मनुवादियों की सरकार है। गरीब, आदिवासी, दलित, मजदूर किसान, पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा विरोधी सरकार है। यह सरकार एक धर्म का या उसके नाम पर कुछ अमीरों एवं सवर्ण जातियों की अत्याचारी सरकार बनाने में लगी है। इस शासनकालमें अमीरी और गरीबी की खाई बढ़ी है। संवैधानिक अधिकारों पर हमला बढ़ा है। इस कारण लोकतंत्र बचाने, संविधान बचाने, मेलजोल और सद्भाव बचाने एवं जनता की आवाज बचाने के लिए मोदी सरकार को हटाना ही होगा।