लखनऊ : प्रदेश में बेसिक व माध्यमिक स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों, शिक्षकों व जरूरी संसाधनों का ब्योरा देने में लापरवाही की जा रही है। यू-डायस पोर्टल पर सूचना अपलोड करने में स्कूल हांफ रहे हैं। ऐसे में विद्यालयों के लिए नई नीति तैयार करने और उनकी रैंकिंग इत्यादि का कार्य प्रभावित हो रहा है। अब सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। वहीं निजी स्कूलों के प्रबंधकों को नए कोर्स व सेक्शन के लिए एनओसी न देने और मान्यता वापस लेने की चेतावनी दी गई है।
परिषदीय स्कूलों से जुड़ी सूचना न देने वाले 22 जिलों के 50 ब्लाक चिह्नित किए गए हैं। अब यहां खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को चेतावनी दी गई है कि वे हफ्ते भर में पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी और बीईओ से भी स्पष्टीकरण लिया जाएगा।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों व जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र लिखकर सरकारी के साथ-साथा निजी बेसिक व माध्यमिक स्कूलों की सूची मांगी गई है। आनलाइन सूचना अपलोड न करने वाले विद्यालयों को चिह्नित किया जाएगा। सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों व निजी माध्यमिक स्कूलों के प्रबंधकों को एनओसी व मान्यता वापसी की चेतावनी दी।
यू-डायस+ 2023-24 के अन्तर्गत स्टूडेण्ट प्रोफाइल की डाटा इण्ट्री न्यून प्रगति (Bottom-50) वाले विकास खण्डों की 06 मार्च को ऑनलाइन जूम मीटिंग के सम्बन्ध में।