रायबरेली में योगी सरकार की लाख शख्ती के बाद भी शिक्षा व्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही है। जबकि शासन इसके लिए हर वर्ष लाखों करोड़ों रुपए पानी की तरह खर्च करता है। लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते यहां व्यवस्थाएं जैसी की तैसी बनी हुई है। यहां के एक आवासीय बालिका विद्यालय की छात्राओं ने कई ऐसे वीडियो और साक्ष्य वायरल किया है, कि जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों की नींदे हराम हो गई। विद्यालय की कमियों का मामला उजागर हुआ तो हड़कंप मच गया। जनपद के खीरों ब्लाक के आवासीय बालिका विद्यालय की छात्राओं ने कई वीडियो वायरल कर विद्यालय की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा किया है और मामले को उजागर किया है। कुछ छात्राओं ने वायरल वीडियो में खान और नाश्ते की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं।वायरल वीडियो कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खीरों कस्बे का बताया जा रहा है। हालांकि न्यूज़ नेशन भारत इसकी पुष्टि नहीं करता है। यहां खाना खाने से छात्राओं के शरीर पर काले दाने निकल आए हैं। दूषित पानी पीने से बच्चे बीमार हो गए हैं। यह बात बच्चों ने पूरी एक कॉपी में लिखी और फिर उसे वायरल कर दिया।

वायरल हुए वीडियो को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच कराकर कार्यवाही का आश्वासन दिया है। छात्राओं ने कॉपी में यह लिखा है।कि आज BSA सर जांच के लिए आए थे और हम सब लोगों ने सच बता दिया। उसके बाद यहां के टीचर ने हमें परेशान करना शुरू कर दिया। हमारी कॉपियां गायब कर दी गई और हमारा सामान इधर-उधर कर दिया गया। इस तरह के कई पन्ने अलग-अलग समस्याओं को लेकर वायरल किए गए हैं।इस संबंध में खीरों के खंड खंड शिक्षा अधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि यह वायरल वीडियो पिछले साल अगस्त या दिसंबर का है। मैंने सीएससी अधीक्षक के साथ मिलकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की थी सभी बच्चे स्वस्थ हैं। इसके अलावा सभी बच्चों ने लिख कर दिया कि उन्हें स्कूल से कोई समस्या नहीं ऐसा प्रतीत होता है, कि किसी ने इर्ष्याबस बच्चों से वीडियो बनवा करके उसे वायरल किया है। वही बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी को जांच कर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है।