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जिले के DIOS को गलत सूचना देना पड़ा भारी, 25 फरवरी को विधान परिषद में किए गए तलब

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रिपोर्ट : शिवा मौर्य

रायबरेली जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक और उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा निदेशक को गलत सूचना देना भारी पड़ गया। अब विधान परिषद सभापति ने दोनों अफसरों को 25 फरवरी को अपने कक्ष में तलब किया है। दो वर्षों में सदन में चार बार उठ चुके इस प्रकरण को शुक्रवार को शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने फिर से उठाया।

उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ सदन में असत्य एवं त्रुटिपूर्ण सूचना दिए जाने पर नियमों के उल्लंघन का प्रकरण है बल्कि सदन की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली के तहत औचित्य का प्रश्न भी बनता है।

त्रिपाठी ने कहा कि रायबरेली के वसी नकवी नेशनल इंटर कालेज में प्रवक्ता (संस्कृत) के रिक्त पर 30 सितम्बर 1992 को प्रदीप कुमार की तदर्थ रूप में नियुक्ति की गई थी। बाद में वरिष्ठता के आधार पर 29 दिसम्बर 2016 को तत्कालीन प्रबन्धक द्वारा प्रदीप कुमार को कार्यवाहक प्रधानाचार्य बना दिया गया। इस बीच वर्तमान प्रबन्धक ने 21 मई 2022 को प्रदीप कुमार को निलम्बित कर दिया। रायबरेली के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआओएस) द्वारा निलम्बन का पहले अनुमोदन कर दिया गया और बाद में अनुमोदन को वापस ले लिया गया।

इस दौरान 21 माह से प्रदीप कुमार को वेतन का भुगतान तक नहीं किया जा रहा है। 6 फरवरी 2024 को सदन में जब इस मामले को उठाया गया तब माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री द्वारा यह कहा गया कि फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर कुटरचित तरीके से नौकरी प्राप्त की गई थी, उ‌न्हें वेतन की कौन कहे उनसे रिकवरी के आदेश जारी होने वाले हैं।

गौर करने वाली बात यह है कि अब तक न तो किसी बोर्ड ने और न ही किसी विश्वविद्यालय ने उनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच की है।और न ही प्रदीप कुमार को अपने शैक्षिक प्रमाण पत्रों की सत्यता के लिए विभागीय अथवा उत्तरदायी अधिकारियों की ओर से कोई नोटिस ही दी गई है। ऐसे में बिना किसी आधार के सदन को असत्य एवं त्रुटिपूर्ण सूचना दिया जाना नियमों का उल्लंघन है। पिछली बार की सूचना पर 9 फरवरी 2024 को पीठ द्वारा सरकार को निर्देश दिया गया था,कि सत्र के अन्त तक गलत सूचना देने वाले उत्तरदायी अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही कर अवगत कराएं। दो-दो सत्र बीतने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होना निश्चित रूप से उत्तरदायी अधिकारियों की निरंकुशता प्रतीत होती है। इस पर सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिह ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक एवं रायबरेली के डीआओएस को 25 फरवरी को कक्ष में हाजिर करने के निर्देश दिए। माध्यमिक शिक्षा निदेशक और DIOS को गलत सूचना देना पड़ा भारी, विधान परिषद सभापति ने तलब किया है। अब देखना यह है की जांच के बाद क्या कार्रवाई होती है पीड़ित को न्याय के आस की दरकार है।

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